महापारना महाप्रतिष्ठा के दूसरे दिन हुआ योग शिविर का आयोजन, मुनि प्रसन्न सागर जी भी हुए शामिल
- योग गुरु ने असम के मुख्यमंत्री के बयान के साथ ही आचार्य कृष्ण शास्त्री का किया समर्थन
- सनातन धर्म अंधविश्वास और पाखंड से परे : स्वामी रामदेव
गिरिडीह। महापारना महाप्रतिष्ठा में शामिल होने गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन पहुंचे योग गुरु स्वामी रामदेव महाराज ने दूसरे दिन रविवार को आयोजन स्थल में योग शिविर का आयोजन किया। जिसमें मुनि प्रसन्न सागर जी महाराज भी अपने कई अनुयाई मुनियों के साथ शामिल हुए और योग गुरु स्वामी रामदेव जी के साथ योग किया। तीन घंटे से अधिक देर तक चले योग शिविर में जैन मुनियों के साथ पतंजलि योग समिति और भारत स्वाभिमान न्यास के के कई अधिकारी और महिलाए भी शिविर में शामिल हुई और योग गुरु के साथ योगा की। जैन मुनि प्रसन्न सागर जी महाराज भी इस दौरान स्वामी रामदेव जी के साथ अनुलोम विलोम, कपालभाती, वज्रासन, पद्मासन, वर्काशन समेत कई योग किया। मौके पर स्वामी रामदेव जी महाराज ने तीन घंटे के योग शिविर में सूर्य नमस्कार क्रिया को लोगो के साथ किया। योग शिविर की शुरुवात वैदिक मंत्रोचार के बीच हवन से की गई थी।
करीब तीन घंटे के योग साधना के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान योग गुरु स्वामी रामदेव जी असम के मुख्यमंत्री हेमंता विस्वा शर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा की लड़कियों के मां बनने का सही उम्र 25 से 30 ही होना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में यौवन अवस्था अपने चरम पर होता है। यही नही वैज्ञानिक दृष्टि से भी मां बनने का यह उम्र सही है। वहीं धार्मिक और सनातन सांस्कृतिक भी इसकी इजाजत देती है। जबकि बेटियां अगर इस उम्र में मां बनती है तो उनका आरोग्य भी सही रहता है।
स्वामी रामदेव ने बातचीत के क्रम में एक बार बागेश्वर बाला जी महाराज आचार्य कृष्ण शास्त्री का खुलकर समर्थन करते हुए कहा की कई चीजे सनातन धर्म में अंधविश्वास और पाखंड से परे भी होता है। ऐसे में किसी सेकुलर दलों के नेताओ को अधिकार नहीं की वो बागेश्वर बाला जी महाराज के अद्भुत शक्तियों पर सवाल उठाए। योग गुरु स्वामी रामदेव जी ने कहा की वो बागेश्वर बाला जी महाराज आचार्य कृष्ण शास्त्री जी का पहले भी समर्थन किए थे, और आगे भी जारी रहेगा। किसी नेता के बोलने से उनका भरोसा नहीं टूटने वाला है।