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आरोपों से घिरे गिरिडीह निगम के स्वच्छता निरीक्षक को प्रशासनिक निदेशक ने किया सेवा से बरखास्त

निगम अब केस दर्ज कराने की प्रकिया में जुटा, सर्टिफिकेट केस कर वेतन किया जाएगा रिकवर

तत्कालीन डीसी ने भी किया था कार्रवाई को लेकर पहल

कार्रवाई के बाद आरोपों से घिरे कई और कर्मियों में दिख रहा भय

गिरिडीहः
नगर विकास मंत्रालय की प्रशासनिक निदेशक विजया जाधव ने गिरिडीह नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक अजीत कुमार को आखिरकार उन्हें सरकारी सेवा से बरख्सात कर दी। सफाई निरीक्षक अजीत कुमार राय के खिलाफ प्रशासनिक निदेशक के पंत्राक 934/2021 में पत्राचार कर जहां उन्हें सेवा से हटाने का अंतिम आदेश जारी किया। वहीं दुसरी तरफ सफाई निरीक्षक के खिलाफ उप नगर आयुक्त को कई गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज कराने का भी निर्देश दिया। इतना ही नही सफाई निरीक्षक पर सर्टिफिकेट केस कर उप नगर आयुक्त को अब तक मिले सरकार से वेतन रिकवर करने का भी निर्देश जारी की है। लिहाजा, नगर आयुक्त राजेश प्रजापति भी प्रशासनिक निदेशक के निर्देश पर सफाई निरीक्षक अजीत कुमार राय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई में जुट गए है। माना जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने समेत कई और आरोपों के तहत सफाई निरीक्षक पर नगर थाना में केस दर्ज किया जा सकता है। जबकि गलत दस्तावेज पर बहाल किए गए बरर्खास्त सफाई निरीक्षक अजीत कुमार राय अगले साल 2022 के फरवरी माह में सेवानिवृत होने वाले थे। लेकिन पहले से ही गंभीर आरोपों में घिरे अजीत कुमार राय के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई हो गई।
वैसे एकीकृत बिहार में साल 1990 में उस वक्त रहे नगर पर्षद में सफाई निरीक्षक अजीत कुमार राय की बहाली हुई थी। 1990 में बहाली के बाद सफाई निरीक्षक को अब तक नगर विकास मंत्रालय द्वारा हर माह 70 हजार का वेतन दिया जा रहा था। लिहाजा, 1990 के बाद से लेकर अब 2021 तक दिए गए वेतन की रिकवरी के लिए सफाई निरीक्षक पर सर्टिफिकेट केस किया जाएगा। नगर निगम के सफाई निरीक्षक के खिलाफ हुई कार्रवाई यह पहली नहीं है। निगम सूत्रों की मानें तो सफाई निरीक्षक अजीत कुमार राय की बहाली के खिलाफ एकीकृत बिहार में गिरिडीह के तत्कालीन डीसी राजेश पोद्दार ने भी कार्रवाई के लिए पत्राचार किया था। लेकिन कुछ महीनों बाद मामला शांत हो गया।
इधर नगर निगम सूत्रों की मानें तो नगर निगम के कई और कर्मी फर्जी तरीके से नौकरी करने के आरोपों में घिरे है। इन कर्मियों के खिलाफ भी कई बार शिकायत उपर तक हुई है। जिनके खिलाफ शिकायतें हुई। उनमें निगम के प्रधान सहायक राम कुमार सिन्हा, सहायक फाल्गुनी, निशा सिन्हा और मृत्युजंय सिंह शामिल है। निगम सूत्रों की मानें तो हर कर्मियों पर अलग-अलग आरोप है। जिसमें सहायक फाल्गुनी पर आरोप है कि उनकी नियुक्ती नगर निगम में गलत तरीके से हुई है। क्योंकि वो हजारीबाग के खान पार्षद में थे। जबकि प्रधान सहायक फर्जी तरीके से अनुकंपा के आधार पर नौकरी करने का आरोप है। बहरहाल, सफाई निरीक्षक पर हुए कार्रवाई के बाद आरोपों से घिरे निगम के और कर्मियों में दहशत भी देखा जा रहा है।

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