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उपद्रवियों की तस्वीर लगाने व कुछ देर बाद हटाने के बाद सुबे की राजनीति गर्म

  • झामुमो के आपत्ति के बाद रांची पुलिस ने उपद्रवियों का पोस्टर हटाया
  • मामले को लेकर भाजपा ने कहा उपद्रवियों के पैसे से हो नुकसान की भरपाई

रांची। रांची में बीते शुक्रवार को नमाज के बाद हुई हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लगाने और फिर झामुमो द्वारा आपत्ति जताये जाने के बाद पोसटर को हटाने के बाद एक बार फिर झारखंड में पोस्टर को लेकर सियासत शुरू हो गई है। हालांकि उपद्रवियों का पोस्टर राज्यपाल के निर्देश पर लगाया गया था। पोसटर को लेकर जहां एक ओर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने दावा किया कि इस तरह के पोस्टर लगाने से सामाजिक समरसता प्रभावित होगी। वहीं विपक्षी बीजेपी ने इसे सरकार की विफलता बताते हुए उपद्रवियों के पैसे से हो नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। जबकि सरकार में सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि घटना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।

बताया जाता है कि राज्यपाल के एडवाइजरी पर मंगलवार की देर शाम उपद्रवियों के दो पोस्टर जाकिर हुसैन पार्क के पास लगाए गए थे। लेकिन पोसटर लगाने के कुछ देर बाद ही पोसटर को उतार लिया गया। इस मामले में रांची पुलिस ने सफाई देते हुए कहा है कि पोस्टर में कुछ त्रुटियां हैं जिन्हें करेक्शन करने के बाद दोबारा लगाया जाएगा।

इधर उपद्रवियों का पोस्टर लगाकर हटाये जाने के बाद झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन उनका यह व्यक्तिगत मत है कि पोस्टर के प्रदर्शन से समाज की समरसता प्रभावित होगी। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि मेन रोड में हुई 10 जून की घटना अप्रत्याशित है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार दोनों ही इस मामले में संजीदा है। कहा कि पोस्टर को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इधर भाजपा कहा कि 10 जून को हुई घटना में जिसकी भी संपत्ति का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों के पैसे से की जानी चाहिए। पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन पार्टी मांग करती है कि जितने भी आरोपी हैं उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो के आधार पर पहचान कर गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।

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