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गिरिडीह शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 30 युवाओं से 55 लाख ठगने के आरोपी मनीष को पुलिस ने दबोचा, आरोपी के गिरोह में रांची तक के नटवर लाल

गिरिडीहः
गिरिडीह के शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पैसे ठगनें का मामला कोई नया नही है। बल्कि कई नटवर लाल अब तक पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है। इसी क्रम में मुफ्फसिल थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के अगदोनीकला गांव से एक युवक मनीष कुमार करण को दबोचा। और सख्ती से पूछताछ किया। जानकारी के अनुसार अगदोनीकला से गिरफ्तार मनीया कुमार करण अब तक 30 लोगों से 55 लाख की ठगी कर चुका है। पुलिस की मानें तो मनीष कुमार करण नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह संचालित करता है। इस पूरे गिरोह में आठ नटवर लाल है जो अब 30 लोगों को ठगते हुए 55 लाख का चूना लगा चुके है। लेकिन किसी को नौकरी नहीं दिला पाएं। पुलिस के अनुसार पुलिस गिरफ्त में आया मनीष करण आईसीटी प्रशिक्षक इनफार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण बताया जा रहा है। मनीष की गिरफ्तारी के बाद और पूछताछ के आधार में जो खुलासा हुआ उसके अनुसार मनीष प्रशिक्षक जरुर है। लेकिन अब तक इसके गिरोह में शिक्षा विभाग के कई कर्मी भी शामिल है। जिसके मनीष जब नौकरी दिलाने के नाम पर शिक्षा विभाग के कर्मियों से मिलवाने लाता था, तो कर्मचारी भी मनीष के सुर में सुर मिलाते, और कहते उनकी बहाली हो जाएगी। लेकिन अब तक 30 लोगों से 50 लाख ठगने के बाद भी एक का भी बहाली नहीं हो पाया।
तो इसी मुफ्फसिल थाना इलाके के गादी श्रीरामपुर निवासी पवन कुमार ने मामले में मुफ्फसिल थाना में शिकायत दर्ज कराया। पवन ने पुलिस को दिए लिखित आवेदन में बताया कि मनीष करण से उसकी दोस्ती इस्टाग्राम से हुआ था। दोस्ती होने के बाद मनीष ने पवन को बताया कि वह पवन की नौकरी शिक्षा विभाग में लगा सकता है। लिहाजा, बातचीत के क्रम में मनीष ने पवन से एजुकेशन प्रोजेक्ट परिषद् मे डाटा प्रबंधन ऑपरेटर के पद का हवाला देते हुए बताया कि अगर वो इसकी नौकरी कर सकता है तो इसमें नौकरी लगा देगा। नौकरी दिलाने के नाम पर ही मनीष ने पवन से 1 लाख का मांग किया। इधर मनीष के बहकावे में फंसकर ही पवन ने अपने कोलडीहा के दो दोस्तों पुरुषोतम पटवा और कैलाश जायसवाल से भी 10 लाख 50 हजार दिलाया। रकम मिलने के बाद मनीष ने कुछ दिनों बाद पवन को एक कागजात व्हाटसअप किया। और बताया कि 12 अप्रेल तक इसका सत्यापन होने के बाद 21 अप्रेल को उसे इंटरव्यू देने के लिए जाना है। लेकिन ना तो पवन का कोई इंटरव्यू हुआ और ना ही उसका नाम मैरिट लिस्ट में आया। और तो और नौकरी लगाने के नाम पर मनीष जब कई दिनों तक पवन को बहलाता रहा। तो पवन के साथ उसके दोनों दोस्तों ने मुफ्फसिल थाना में मनीष के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई, और मनीष को गिरफ्तार करने में सफल रही। पूछताछ में मनीष ने अपने गिरोह में शिक्षा विभाग के गिरिडीह समेत रांची ऑफिस के कई कर्मियों का नाम कबूला है।

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