LatestNewsTOP STORIESकोडरमागिरिडीहझारखण्डराँची

मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में गिरिडीह के चिकित्सक दंपति डा. सर्जना की बेटी अर्चिता और हर्षवर्धन जैन का रहा दमदाम प्रदर्शन, डीएवी स्कूल ने किया सम्मानित

जिद्द करो दुनिया बदलो, के मूलमंत्र से ही हर छात्र को मिल सकता है उसके उड़ने का पंखः अर्चिता सोनी

गिरिडीह बीएनएस डीएवी के दो छात्रों ने नीट की परीक्षा में हासिल किया 645 और 655 वां रैंक

गिरिडीहः
मेडिकल कॉलेज के प्रवेश परीक्षा नीट एनटीए 2022 का परिणाम ने गिरिडीह के दो छात्रों और उनके परिवार की खुशियां दुगुना कर दिया। एनटीए के परीक्षा में गिरिडीह बीएनएस डीएवी के दो छात्रों का प्रदर्शन काफी दमदार रहा। लिहाजा, गुरुवार को डीएवी अपने दोनों छात्रांे को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। शहर के चिकित्सक दंपति डा. अशोक शर्मा और महिला चिकित्सक डा. सर्जना शर्मा की बेटी अर्चिता सोनी और शहर के कारोबारी अविनाश जैन के बेटे हर्षवर्धन जैन को यह सफलता मिला। दो माह पहले जूलाई में राष्ट्रीय स्तर पर एनटीए के परीक्षा में गिरिडीह के कई छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। जिसमें चिकित्सक दंपति की बेटी अर्चिता सोनी ने ऑल इंडिया रैंकिग 5338 वेें स्थान में 645 वां रैंक हासिल की। तो वहीं अविनाश जैन के बेटे हर्षवर्धन जैन ने 655 रैंक हासिल किया। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नीट में स्कूल के दो छात्रों को मिले सफलता से जहां बीएनएस डीएवी प्रबंधन उत्साहित है। तो दुसरी तरफ दोनों छात्रों के माता-पिता भी अपने उत्साह को स्कूल में दिखाते दिखे। इस दौरान स्कूल के शिक्षक मनीष कुमार और योगेश शर्मा के साथ नवीन मिश्रा ने अर्चिता सोनी को मोमेंटो और बुके देकर सम्मानित किया।


तो वहीं 19 वर्षीय छात्रा अर्चिता सोनी ने न्यूज विंग से खास बातचीत में कहा कि जिद्द करो दुनिया बदलो का मूलमंत्र अगर एक-एक छात्र अपना कर कुछ करने की सोचे, तो उसे सफलता मिलना तय है। और इसी मूलमंत्र से दोस्ती करने की प्रेरणा उसकी मां और महिला चिकित्सक डा. सर्जना शर्मा ने दी। क्योंकि महामारी के बीच दो साल की पढ़ाई हर छात्रों के लिए बेहद चुनौतियों से भरा रहा। ऐसे में नीट की तैयारी उसके लिए भी जोखिम भरा था। अर्चिता सोनी ने न्यूज विंग से बातचीत में कहा कि हर रोज 8 से 10 घंटे की पढ़ाई और मेहनत ने उसे नीट में सफलता दिलाने में एक बड़ी भूमिका निभाया। क्योंकि बनारस के बीएचयू से उसकी पढ़ाई शुरु हुई। और आज काशी विश्वनाथ ने उसे आशीर्वाद के रुप में परीक्षा में सफलता के रुप में दिया। वहीं उसकी मां और महिला चिकित्सक डा. श्रीमती शर्मा ने कहा कि उसकी बेटी मेहनती है यह उनकी बेटी ने नीट में सफलता हासिल कर जता दी। क्योंकि हर रोज उनकी बेटी घर 5 से सात घंटे तक पढ़ाई करती थी। बीएचयू से पढ़ाई को लेकर महिला चिकित्सक ने एक भजन भी बेटी की सफलता पर गुनगुनाते हुए कहा कि कदम तो रखो काशी में, तर जाओगे काशी में।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons