सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे झामुमो नेता
- अस्पताल के जर्जर और गंदे रसोई कमरे में खाना बनते देख भड़के
- सीएस से की एसएनसीयू में गर्भवती महिलाओं के साथ सहियाओ की दलाली की शिकायत
गिरिडीह। अव्यवस्था के कारण हमेशा चर्चाओं में रहने वाले सदर अस्पताल का जायजा लेने के लिए बुधवार को झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में जेएमएम नेता पहुंचे। निरीक्षण के दौरान टीम को हैरानी हुई की अस्पताल और शिशु केंद्र में खाना बनाने वाले ठेकेदार को सिविल सर्जन द्वारा खाना बनाने के लिए मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में बने रसोई में देने के बाद भी ठेकेदार द्वारा पिछले कई महीनों से सदर अस्पताल के जर्जर भवन के टूटे कमरे में मरीजों के लिए खाना बना रहा है। इस दौरान जब टीम इस जर्जर भवन पहुंची, तो पूरा रसोई कमरे का हाल खराब था, मरीजों के लिए बना हुआ चावल खुला रखा हुआ था, सब्जी का क्वालिटी भी इस दौरान खराब दिखा। जबकि सब्जी से भरा बर्तन भी बेतरतीब तरीके से पड़ा हुआ था। कुछ ऐसा ही हाल रसोई घर के बर्तन साफ करने वाले छोटे कमरे का भी दिखा। जहां गन्दगी भरा हुआ था।
रसोई घर का हाल देखने के बाद जेएमएम नेताओ की टीम अस्पताल के ओपीडी पहुंची, ओपीडी का भी नजारा कुछ ओर ही था। ओपीडी में बैठे डॉक्टर के पास मरीज की भीड़ अधिक थी, लिहाजा, मरीजों को जल्दी जल्दी निपटाने में चक्कर में डॉक्टर हर मरीज का बगैर जांच किए उसकी आवाज सुनकर दवाई लिखते जा रहे थे। इसके बाद जेएमएम नेताओं की टीम सिविल सर्जन से मिलने पहुंची और एक साथ कई शिकायते रखते हुए कहा कि अस्पताल में अक्सर लाइट जाने के बाद डॉक्टर द्वारा मरीज का इलाज अगर टॉर्च की रोशनी में किया जाता है तो ये बेहद अफसोस की बात है। इसमें तत्काल सुधार लाने की जरूरत है।
जेएमएम जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने सिविल सर्जन से कहा की रसोई घर का हाल सबसे अधिक खराब है। इस दौरान सिविल सर्जन ने जानकारी दिया की नया टेंडर होना है, फिलहाल, चार एजेंसियों ने टेंडर डाला है। जानकारी मिलने के बाद जेएमएम नेताओं ने कहा की टेंडर की प्रक्रिया को ओपन कर देना है। जिससे मरीजों को क्वालिटी पूर्ण खाना मिल सके और भोजन भी सही तरीके से बन सके। टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर भी जेएमएम जिला अध्यक्ष ने सिविल सर्जन को सावधानी के साथ कार्य करने का सुझाव दिया।
मौके पर झामुमो नेता अजीत कुमार पप्पू व नगरअध्यक्ष रॉकी सिंह द्वारा चौताडीह स्वास्थ केंद्र में सहियाहो द्वारा किए जाने वाले मनमानी का चर्चा उठाया गया। वहीं महिला डॉक्टर संजना शर्मा, मेधा शर्मा ने बताया की मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में गड़बड़ी का कारण सिर्फ सहिया ही है। जो गर्भवती महिलाओं को अलग अलग ग्रामीण इलाको से लेकर चौताडीह शिशु स्वास्थ केंद्र आती तो है लेकिन उन्हें फिर शहर के किसी निजी नर्सिंग होम ले जाती है। इस दौरान जेएमएम नेताओ ने सिविल सर्जन से मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में निगरानी रखने का सुझाव दिया।