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पीरटांड़ के अतिनक्सल प्रभावित गांव सिंहपुर गांव, ग्रामीणों से किया संवाद

  • मन की बात में पीएम मोदी ने की थी पीरटांड़ के इस जिस गांव का जिक्र
  • विद्यालय व आंगबाड़ी केन्द्र पहुंचकर बच्चों से की मुलाकात, कराया फोटो सेशन
  • ग्रामीणों के बीच कई जेएसएलपीएस के तहत बांटे सामाग्री

गिरिडीह। सम्मेद शिखर मधुबन पहुंचे राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन शुक्रवार को कई कार्यक्रम में शामिल हुए। मधुबन के तामिलनाडु भवन के चंद्रप्रभा मंदिर में जहा अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इसके बाद पीरटांड़ प्रखंड के अतिनक्सल प्रभावित सिंहपुर गांव पहुंचे। जहां आज तक कभी कोई राजनीति दल के सांसद और विधायक नही गए थे। हालांकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इसी गांव का जिक्र सिर्फ इसलिए किया था, क्योंकि इस गांव की महिलाएं बांस के कई सजावट के सामान बनाती रही है और मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इस गांव की वैसी महिलाओं की जमकर तारीफ भी की थी।

राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर आनन फनन में गांव तक जाने वाले रास्ते को ठीक किया गया था। वहीं सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किया गया था। राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन गांव में प्रवेश किये तो उनका स्वागत भी उसी अंदाज में ग्रामीणों के द्वारा किया गया। इलाके की आदवासी महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से संथाली लोकगीत व नृत्य प्रस्तुत कर राज्यपाल के साथ डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेनू, डुमरी एसडीएम प्रमेलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज महतो, डीएसपी संजय राणा और एसडीपीओ अनिल सिंह सहित अन्य अधिकारियों का स्वागत किया।

इस दौरान राज्यपाल ने सिंहपुर गांव के हालात का जायजा लेने के साथ ही ग्रामीणों से संवाद करते हुए पेयजल, बिजली आपूर्ति, आवास योजना सहित अन्य मूलभुत सुविधाओं के बाबत जानकारी ली। उन्होंने सिंहपुर गांव के उत्कमित प्राथमिक स्कूल जाकर बच्चां से मिलकर उन्हें मिलने वाली शिक्षा के बाबत जानकारी ली। इस दौरान राज्यपाल ने बच्चो से एबीसीडी और हिंदी वर्णमाला के अक्षर पूछे, लेकिन राज्यपाल के पूछने पर एक दो बच्चे ही सही से एबीसीडी और हिंदी वर्णमाला के अक्षर बता सके। इसके बाद राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन ने डीसी नमन और प्रोबेशनल आईएएस उत्कर्ष कुमार से बच्चो के बीच बैठ कर फोटो सेशन कराया और उनके बीच अलग अलग क्वालिटी के टॉफी का वितरण किया। मौके पर राज्यपाल ने डीसी को निर्देश देते हुए कहा की हर हाल में पूरे स्कूल सह बांस हस्तशिल्पकला केंद्र का चारदीवारी का निर्माण कराए। क्योंकि इसी स्कूल और हस्तशिल्पकला केंद्र के साथ आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित है। ऐसे में सुरक्षा के नजरिए से यह बेहद जरूरी है।

इसके बाद राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन आंगनबाड़ी केन्द्र गए और नन्हे बच्चों से बात किया। बच्चो से इस दौरान राज्यपाल ने पूछा भी आज उन्हे खाना में क्या मिला, लेकिन राज्यपाल के पूछने पर बच्चो द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी की सुपरवाइजर से पूछा तो सुपरवाइजर ने सभी पोस्टिक आहार मिलने का दावा किया। राज्यपाल ने हालात को बेहतर करने का निर्देश दिया। इस आंगनबाड़ी में भी राज्यपाल ने नन्हे बच्चों के बीच टॉफी का वितरण किया। इसके बाद राज्यपाल सारे अधिकारियों के साथ हस्तशिल्प कला केंद्र गए। जहां बांस के बने घरेलू उत्पाद को देखा। मौके पर राज्यपाल ने सिंहपुर गांव के कई लाभुको के बीच अलग अलग योजनाओं से पंप सेट के साथ खेती के लिए कृषि ऋण का वितरण किया। जेएसएलपीएस से महिलाओं के बीच भी चूज़ा का वितरण किया।

ग्रामीणों से संवाद कायम करते हुए राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन ने कहा की गांव हो या शहर, भारत एक है और हम सबों को अपनी एकजुटता बनाएं रखनी है। क्योंकि ये एकजुटता रहेगा तो केंद्र हो या राज्य सरकार की योजना का लाभ हर एक ग्रामीण उठा सकते है। राज्यपाल ने केंद्र सरकार के उज्ज्वाला योजना, आयुष्मान भारत योजना और नल से जल का जिक्र करते हुए कहा की सिंहपुर को सिंगापुर बनाने के लिए हम में से हर किसी को मेहनत करनी होगी। कहा कि वे पांच साल झारखंड में रहेंगे, तो दूसरी बार जब वो आएंगे तो इसका विकास वो देखना चाहते है। हालाकि संवाद कायम करने के क्रम में कई ग्रामीणों ने शिकायत भी किया हस्तशिल्प कला केंद्र कई कई दिनों तक नही खुलता। तो कई ग्रामीणों ने इलाके में डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा। जबकि कुछ कुछ ग्रामीणों ने अनाज नही मिलने की बात कही। तो इलाके के मुखिया निर्मल तुरी ने सिंहपुर गांव के स्कूल में टीचर नही होने के कारण पढ़ाई में हो रहे परेशानी की जानकारी दी।

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