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दर्दनाक बस हादसे में जान गंवाने वाले सिख समुदाय के आठ जत्थेदारों का शव पहुंचा गिरिडीह

  • परिजनों की चीख से हर किसी की आंखे हुई नम
  • सदर विधायक सोनू और गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान गुणवंत और अमरजीत सिंह भी पहुंचे परिजनों से मिलने

गिरिडीह। हजारीबाग जिले के टाटी झरिया के समिप शनिवार को हुए दर्दनाक बस हादसे में गिरिडीह सिख समुदाय के एक साथ आठ जत्थेदार की मौत ने सिख समाज के साथ साथ पूरे गिरिडीह को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के दूसरे दिन रविवार की सुबह आठ मृतकों का शव जब गिरिडीह पहुंचा, तो हर उस घर में परिजनों के रोने और चीख की आवाज गूंज रही थी। जिसके घर का एक सदस्य अब इस दुनिया को छोड़ गया था। शनिवार की देर रात ही हजारीबाग डीसी नैनिसी सहाय के निर्देश पर आठ शव का पोस्टमार्टम कर शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

मृतकों में शहर के भंडारीडीह निवासी हरवंश सिंह सलूजा की पत्नी रानी कौर, भंडारीडीह के सुरजीत सिंह, पंजाबी मौहल्ला निवासी अजीत सिंह की पत्नी कमलजीत कौर, बरगंड़ा निवासी जगजीत कौर, मकतपुर निवासी अजीत सिंह की पत्नी रविंद्र कौर, पंजाबी मौहल्ला निवासी अमृतपाल सिंह, भंडारीडीह निवासी शिवा सिंह और मकतपुर निवासी भूपेंद्र सिंह शामिल है। घटना में अब भी जबकि दर्जन भर घायलों का इलाज हजारीबाग के शेखभिकारी मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ रांची के हॉस्पिटल में चल रहा है।

रविवार की सुबह एक साथ आठ शव के पहुंचने की जानकारी मिलने के साथ सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, भाजपा नेता विनय सिंह और हरमिंदर सिंह बग्गा के साथ गुरुद्वारा सिंह सभा के डॉक्टर गुणवंत सिंह मोंगिया, डॉक्टर अमरजीत सिंह सलूजा, तरनजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलूजा, जोरावर सिंह सलूजा भी परिजनों से मिलने पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दिया।

विदित हो कि शनिवार को कीर्तन समागम में जाने वाले सिख समुदाय के 52 जत्थेदार को लेकर एसएसटी कंपनी का बस रांची जा रहा था। इसी क्रम में ड्राइवर बस लेकर जब रांची के लिए निकला, और हजारीबाग के टाटीझरिया के सेवानी नदी पुल से गुजरने लगा, तो उसी वक्त एक बाइक चालक को बचाने के क्रम में बस ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया और बस सीधा पुल से नीचे गिर पड़ा।

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