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बच्चा और महिला के बीच विवाद का कारण बने हत्या के मामले में गिरिडीह के नौवे एडीजे कोर्ट ने चार आरोपियों को सुनाया आजीवन कारावास की सजा

गिरिडीहः
हत्या के 10 साल पुराने मामले में गिरिडीह के नौवें अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश नीरजा आश्री के कोर्ट ने चार आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। जिले के देवरी थाना क्षेत्र के तपसीडीह गांव में हत्या के मामले में नीरजा आश्री के कोर्ट ने जिन चार आरोपियों को सजा सुनाया। उसमें भीमलाल दास, सुरेश दास, शुकवा देवी, गुजरी देवी शामिल है। कोर्ट ने चारों आरोपियों को हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। तो 307 में ही 10 साल की सजा के साथ 5-5 हजार का जुर्माना लगाया। जबकि 147, 148, 323 और 324 में तीन-तीन साल की सजा के साथ 1 और 2 साल के सजा के साथ 1 हजार से लेकर 2 हजार तक जुर्माना लगाया है। 10 साल पुराने हत्या के इस मामले में आरोपियों के तरफ से जिला विधिक सेवा प्राधिकार की और से प्रतिनियुक्त अधिवक्ता गौरीशंकर साहु और दुर्गा प्रसाद पांडेय ने बहस किया। जबकि अपर लोक अभियोजक सुधीर कुमार ने भी बुधवार को बहस किया। लिहाजा, कोर्ट ने सरकारी वकील के दलील को आधार मानते हुए चारों को सजा सुनाया। जानकारी के अनुसार देवरी के तपसीडीह गांव में साल 2014 में गोतियारी विवाद में दो महिला समेत चारों आरोपियों ने अशोक दास की हत्या धारदार हथियार से कर दिया था। धारदार हथियार से वार से जख्मी हुए अशोक दास को इलाज के लिए सदर अस्पताल को पहुंचाया गया। लेकिन इलाज के क्रम में अशोक दास की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जानकारी के अनुसार 10 साल पहले 14 दिसबंर को देवरी के तपसीडीह में मृतक पर जानलेवा वार किया गया था। लेकिन हत्या के इस घटना से करीब 10 दिन पहले ही दोनों गोतिया के बीच महिला और बच्चा के बीच विवाद हुआ था। और यही विवाद 10 साल पहले हत्या का कारण बना। जिसमें चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया गया।

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