गांजा बरामदगी मामले में अभियुक्तों को मिली दस वर्ष की सजा
कोडरमा। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय (एनडीपीएस एक्ट) बिरेन्द्र कुमार तिवारी की अदालत ने कोडरमा के बहुचर्चित एनडीपीएस के मामले में दो अभियुक्तों दीप नारायण सिंह व साहेब सिंह को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है l दोनों अभियुक्त तिलैया थाना अंतर्गत खुदरा पट्टी गली, झुमरी तिलैया के निवासी है तथा दोनों आपस में भाई हैं l
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि बीते 13.08.2020 को शाम में पुलिस गश्ती दल द्वारा झन्डा चौक में पेट्रोलिंग किया जा रहा था। इसी दौरान गुप्त सूचना के आधार पर दोनों अभियुक्तों के खुदरा पट्टी स्थित आवास की तलाशी ली गई और पांच बैग में भरे लगभग 62 किलो अवैध गांजा बरामद किया गया था। इस घटना को लेकर तिलैया थाना के पुलिस अवर निरीक्षक गणेश केवट द्वारा लिखित आवेदन के आधार पर एनडीपीएस वाद संख्या 1/2020 दिनांक 13.08.2020 अंतर्गत धारा 20(b)(ii)(c) एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। दिनांक 19.02.2021 को उक्त अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप गठित किया गया एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय (एनडीपीएस एक्ट) में विचारण प्रारंभ किया गया l
दस दस वर्ष की हुई सजा
न्यायालय ने इस कांड की गंभीरता को देखते हुए इसका त्वरित गति से विचारण करते हुए मात्र छः महीने में ही इस कांड में अहम् फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस कांड में कुल आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक दिनेश चंद्रा एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश मोदी ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की। माननीय न्यायालय ने गवाहों द्वारा दिए गए बयान एवं अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इस कांड के आरोपी उपरोक्त दोनों अभियुक्तों को धारा 20(b)(ii)(c) एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी पाते हुए दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है तथा एक-एक लाख रूपये अर्थदंड लगाया है। अर्थदण्ड की राशि जमा नहीं करने पर छः महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी गई है l कोरोना महामारी के कारण जहाँ मामलों के निष्पादन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीँ वर्चुअल मोड में विडियो कोंफेरेन्सिंग के माध्यम से इस मामले में निर्णय सुनाया गया l प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय (एनडीपीएस एक्ट) द्वारा इतने कम समय में मामले का त्वरित निष्पादन किए जाने से लोगों का न्याय के प्रति विश्वास काफी बढ़ा है वहीँ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा किए गए प्रयासों की काफी सराहना की जा रही है।