LatestNewsगिरिडीहझारखण्डराज्य

समाज कल्याण व बाल संरक्षण इकाई ने किया कार्यशाला का आयोजन

  • बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणाम को लेकर की गई चर्चा
  • अधिकारियों ने कहा बाल विवाह से बच्चियों का रूक जाता है विकास

गिरिडीह। जिले के तिसरी प्रखंड के भंडारी पंचायत में जिला समाज कल्याण विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बाल विवाह, बाल व्यापार, कुपोषण, एनीमिया, डायन प्रथा तथा घरेलू हिंसा आदि विषयों पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, सेविका/सहायिका, सहिया तथा गांव की महिलाएं एवं किशोरियां शामिल हुई।

कार्यशाला में बाल विवाह तथा ठगी विवाह से होने वाले दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा करते हुए अभिव्यक्ति फाउंडेशन व जागो फाउंडेशन द्वारा बाल विवाह, बाल व्यापार, घरेलू हिंसा पर कानूनी जानकारी दी गई। चाइल्डलाइन द्वारा बच्चों को जागरूक करते हुए मुसीबत में 24 घंटे टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना देने की बात कही गई। कार्यशाला के दौरान एनीमिया उन्मूलन अभियान के तहत समाज कल्याण द्वारा महिलाओं का हिमोग्लोबिन जांच कराया गया तथा आयरन की गोली का वितरण किया गया।

मौके पर समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह से बच्चियों का विकास रुक जाता है। कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही शोषण का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकना हम सब की जिम्मेवारी है। वहीं बाल संरक्षण पदाधिकारी श्यामा प्रसाद ने कहा कि बाल विवाह एवं ठगी विवाह से बच्चियों में मानसिक और शारीरिक तौर पर गहरा असर होता है। इसलिए इसे रोकना अति आवश्यक है। यूनिसेफ से अरविंद ने जिले में कुपोषण के शिकार बच्चों को नजदीकी सेंटर में नामांकित कराते हुए बेहतर स्वास्थ्य लाभ लेने की सलाह दी। संरक्षण पदाधिकारी ने घरेलू हिंसा से बचाव एवं सहायता के बारे में लोगों को अवगत हुए 181 टोल फ्री नंबर पर सूचना देने का सुझाव दिया। ताकि वन स्टप सेंटर के द्वारा बेहतर सहायता प्रदान किया जा सके।

कार्यक्रम में मुखिया, एनजीओ प्रतिनिधि, चाइल्ड लाइन के सदस्यों तथा गांव के काफी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons