हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को गिरिडीह जेल से किया गया रिहा
राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड की बैठक में फैसले के बाद हुआ रिहा
गिरिडीहः
हत्या के आरोप में पिछले अठ्ठारह साल से आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी अगस्तूसक बैक को शुक्रवार को गिरिडीह जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के दौरान काराधीक्षक प्रमोद कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ एक शपथ पत्र देकर विदा किया गया। मौके पर काराधीक्षक प्रमोद कुमार ने अगस्तूसक बैक को दुबारा अपराध नहीं करने का शपथ भी दिलाया। जानकारी के अनुसार अपने एक करीबी की हत्या के इस आरोपी अगस्तूसक बैक को गुमला के कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाया था। हत्या का यह आरोपी गुमला के बिशनपुर थाना के मिशन चट्टान गांव का रहने वाला था। और साल 2004 के अप्रेल माह में एक मामले में अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दिया था। उस दौरान बिशनपुर थाना ने इस आरोपी को जेल भेज दिया था। इसके बाद गुमला कोर्ट की और से इसके खिलाफ सेशन ट्रायल नंबर 1717/04 के तहत हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाया। इसके बाद आरोपी कुछ सालों तक गुमला जेल में बंद रहा। तो इसके कुछ सालों बाद इसे रांची के होटवार जेल भेज दिया गया। होटवर जेल से छह साल पहले इस आरोपी को गिरिडीह केन्द्रीय कारा भेजा गया था। जहां यह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। लेकिन तीन माह पहले हुए सीएम हेमंत सोरेन के अध्यक्षता में हुए राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद बोर्ड की बैठक में इसकी बाकी की सजा माफ करते हुए रिहा करने का फैसला लिया गया। क्योंकि गुमला एसपी के अनुशंसा के बाद जेल आईजी ने इसके बचे सजा माफ करने की सिफारिश राज्य सरकार से किया था। वहीं तीन माह की प्रकिया के बाद इसे शुक्रवार को जेल से मुक्त कर दिया गया।