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जातीय जनगणना से ही मजबूत भारत का निर्माण संभव : राजेश गुप्ता

  • राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने जातीय जनगणना व हिस्सेदारी निकाला मार्च
  • कहा आर्थिक संसाधनों में हिस्सेदारी के लिए जातीय जनगणना जरूरी

रांची। देश में जातीय जनगणना कराने और जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी देने को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने जातीय जनगणना व हिस्सेदारी मार्च निकाला। मार्च शहर के सैनिक मार्केट से प्रारंभ होकर अल्बर्ट एक्का चौक तक पहुंच कर शपथ के बाद समाप्त हुआ।

मौके पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि देश को सशक्त, मजबूत व शक्तिशाली बनाने के लिए देश में जातीय जनगणना व समानुपातिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करना जरूरी है। सरकार को संविधान के अनुसार देश के समस्त आर्थिक गतिविधियों में ओबीसी, एससी, एसटी एवं अगड़ी जातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देना जरूरी है।

श्री गुप्ता ने कहा कि देश में 1931 के जनगणना के अनुसार ओबीसी समुदाय की संख्या 52 प्रतिशत है। इसलिए ओबीसी समुदाय को सरकारी, निजी क्षेत्र की सभी प्रकार की नौकरियों, न्यायपालिका, मिलिट्री, सड़क, भवन निर्माण के ठेकों, पार्किंग परिवहन, आउटसोर्सिंग, लेटरल एंट्री में जनसंख्या अनुपात में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी लागू करना चाहिए। उसके बाद ही देश शक्तिशाली होगा। केंद्र सरकार से अपील है कि वह देश मंे जनगणना जाति आधारित कराएं। अन्यथा राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।

मौके पर अति एवं उपेक्षित पिछड़ा वर्ग कल्याण संस्थान के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर ललन भगत ने कहा कि ओबीसी वर्ग के बच्चों की शिक्षा में शैक्षिक गुणवत्ता विकसित करने वाले स्कूल-कॉलेजों को साक्षरता केंद्र में तब्दील कर दिया गया है। शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह ध्वस्त की जा रही है और इसे मात्र डिग्री बांटने का काम किया जा रहा है। अच्छी शिक्षा को प्राइवेट और महंगी बना देने के कारण इस समाज की पहुंच से दूर हो गया है। ताकि समाज के बच्चों में सामान्य और तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता का विकास पूर्ण रूप से नहीं सके।

झारखंड आंदोलनकारी आजम अहमद ने कहा कि देश और राज्य की सत्ता में जो जनप्रतिनिधि इस वर्ग को केवल वोट लेने का चारागाह समझते हैं एवं इस वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की वकालत करने के बजाय सत्ता की मलाई खाने और कुर्सी से चिपके रहने की मंशा रखते हैं, ऐसे जनप्रतिनिधियों को सावधान हो जाना चाहिए।

प्रदेश सचिव प्रेमनाथ विश्वकर्मा ने कहा कि झारखंड राज्य में राज्य सरकार ओबीसी समुदाय के साथ वादाखिलाफी कर रही है। कोई भी नियुक्ति निकालने से पूर्व ओबीसी समुदाय का आरक्षण कोटा बढ़ाए। प्रो. प्रेम सागर केसरी ने कहा कि यह जातीय जनगणना और हिस्सेदारी मार्च देश और राज्य में ओबीसी समुदाय को सही दिशा देगी। ग्रामीण रांची जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद साहू ने कहा कि हम पूरे जिले का जातीय जनगणना और हिस्सेदारी मार्च को फैलाएंगे।


मौके पर प्रोफेसर विजय राज, डॉ ललन भगत, शिव प्रसाद साहू, प्रो0 प्रेम सागर केसरी, प्रेमनाथ विश्वकर्मा, राम लखन साहू, इसराइल खालिद, राजेश कुमार साहू, नंद गोपाल चौरसिया, राजेश चौरसिया, उपाध्यक्ष सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, चंदन प्रसाद, प्रेम प्रसाद प्रजापति सहित कई लोग शामिल थे।

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