LatestNewsगिरिडीहझारखण्डराज्य

पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

  • 200 शिल्पकारों और कारीगरों को दी गई पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी
  • शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना सरकार का उद्देश्य: डीएसओ
  • सीएससी की ओर से ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन शिविर का हुआ आयोजन

गिरिडीह। भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी कार्यक्रम के संयोजक सहायक निदेशक सुजीत कुमार, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक जगन्नाथ दास, एलडीएम एस मोहन्ती, सहायक श्रम आयुक्त रवि शंकर, डीपीआरओ रश्मि सिन्हा, जेएसएलपीएस के डीपीएम पंकज कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना डिजिटली की शुरूआत की गई थी। कहा कि भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।

सहायक निदेशक सुजीत कुमार ने कार्यक्रम से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, इलिया, चटाई, झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं। बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं पांच सौ रुपए प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरांत टूल किट के लिए 15 हजार रुपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपए तका का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

कॉमन सर्विस सेंटर के प्रबंधक पप्पु कुमार ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons