मोक्ष सप्तमी को लेकर पार्श्वनाथ पर्वत के टोंक पर अहले सुबह जुटे 25 हजार भक्तो की भीड
- परिक्रमा के साथ किया निर्वाण लाडू अर्पित, गाजे बाजे के साथ झूमते रहे जैन भक्तों की भीड़
गिरिडीह। 20 तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन के पार्श्वनाथ पर्वत जैन भक्तों के जयकारे और भक्ति से गूंज उठा। रविवार की अहले सुबह करीब 25 हजार से अधिक भक्तों की भीड़ देश के कई राज्यों से सम्मेद शिखर मधुबन पारसनाथ पहाड़ पहुंची और तीर्थंकरों के मोक्ष भूमि में निर्वाण लाडू अर्पित किया। इस दौरान दूसरे प्रदेश से आए जैन भक्तो की भीड़ गाजे बाजे के साथ गेरुआ वस्त्र धारण कर सिर पर भगवान आदिनाथ के अस्तधातु की मूर्ति लिए जैन मुनियों के सानिध्य में पैदल यात्रा कर करीब 25 किलोमीटर ऊपर पारसनाथ टोंक पर चढ़े, और निर्वाण लाडू अर्पित किया।
भगवान पार्श्वनाथ, भगवान आदिनाथ समेत 20 तीर्थंकरों के मंदिरों का परिक्रमा किया। विधि विधान के साथ नामोकार मंत्र के बीच पूजा अर्चना किया। रास्ते भर भक्तो की भीड़ झूमते हुए पारसनाथ टोंक पर चढ़ाई चढ़ते गए। मन में बस अटूट, श्रद्धा और भक्ति लिए अहले सुबह टोंक पर पहुंचने के बाद जैन मुनि के नमोकार मंत्र के बीच निर्वाण लाडू अर्पित किया। मोक्ष सप्तमी को लेकर ही टोंक के हर मंदिर की सजावट भी बेहद सुंदर तरीके से किया गया था। फूलों से सजाने के साथ लाइट से एक-एक मंदिर झिलमिला रहे थे।