नौकरी वापसी के लिए पोषण सखी समन्वय समिति (सीटू) ने किया विक्षोभ प्रर्दशन
- आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण सखी को पुनः बहाल करे झारखंड सरकार: संजय पासवान
कोडरमा। आंगनबाड़ी केंद्रों में पहले से कार्यरत पोषण सखी, जिन्हें इसी वर्ष अप्रैल में काम से हटा दिया गया है, नौकरी वापसी के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सीटू के नेतृत्व में पोषण सखी समन्वय समिति के बैनर तले ज़िला मुख्यालय पर विक्षोभ प्रर्दशन किया गया। इससे पूर्व सब्जी मार्केट के समीप दुर्गा मंदिर से एक विशाल रैली निकाली गई जो रांची पटना रोड, कोडरमा बाज़ार होते हुए समाहरणालय पहुंचकर प्रदर्शन मे तब्दील हो गया। प्रदर्शन में शामिल पोषण सखियों ने झारखंड सरकार होश में आओ, पोषण सखी की नौकरी वापस करो, 10 हज़ार पोषण सखी को न्याय दो आदि नारे जोश खरोस से लगाए जा रहे थे। प्रदर्शन के बाद मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त कार्यालय में दिया गया।
पोषण सखी समन्वय समिति की जिलाध्यक्ष गायत्री पासवान की अध्यक्षता और जिला सचिव जरीना खातून के संचालन में हुई सभा को सम्बोधित करते हुए करते हुए मजदूर नेता और सीटू के राज्य पदाधिकारी संजय पासवान ने कहा कि झारखंड के छह जिलों मे आंगनबाड़ी मे कार्यरत 10388 पोषण सखी को केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा दिया जाने वाला फंड बंद कर दिए जाने के कारण एक झटके में अप्रैल में हेमन्त सोरेन सरकार ने हटा दिया। आज उनके सामने भूखमरी की स्थिति हो गई है। बच्चो के स्कूल फीस और दवाई के लिए लिए पैसे नहीं जूट रहे हैं। सड़क से न्यायालय तक लगातार संघर्ष कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एक तरफ हेमंत सरकार रोज रिक्तियां भरने की बात कर रही है, दूसरी तरफ दस हजार पोषण सखी अपनी रोजगार वापसी के लिए दर दर भटक रही है। हेमंत सोरेन बड़ा दिल दिखाए और आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण सखी को पुनः बहाल करे।
सीटू नेता रमेश प्रजापति ने कहा कि मात्र तीन हज़ार रुपए प्रति माह मानदेय पर काम करने वाली पोषण सखी जो अपने परिवार को आर्थिक मदद कर रही थी, रोजगार छीनने से काफ़ी परेशान है। हेमन्त सरकार ने पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका और राज्य के सरकारी कर्मचारियों की मांगें पूरा की है, जो सराहनीय कदम है। इसलिए इन 10 हज़ार महिलाओं पर दया करते हुए इन्हें पुनः नौकरी पर रखा जाय। सभा में नौकरी वापसी के लिए राज्यव्यापी आंदोलन करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में पिंकी कुमारी, कामिनी देवी, रूपा कुमारी, अंबिका सहाय, अंजुम प्रवीण, लक्ष्मी कुमारी, साहिना प्रवीण, रिंकी देवी, गुड़िया देवी, नाहिदा, निशा भारती, सुवंती कुमारी, आरती देवी, पूजा सिन्हा, कुमारी सरिता, सगुप्ता इशरत, जेबा प्रवीण, सुभद्रा कुमारी, अर्चना, बेबी, फूल कुमारी, सुप्रिया, मोनिका ठाकुर, चंचला भारती, स्वेता, सोनी, सरिता, सुषमा, अनीता, चम्पा, कुंती, पूनम, अनीता, नूरजहां प्रवीण, प्रीति सागर, ललिता, प्रियंका कुमारी, अंजु, मुनेशा खातून, गुड़िया, सलमा खातून, प्रीति, विनीता यादव, शिल्पी, अन्नु, कंचन, बबली, रेखा, कविता सिंह, नैंसी देवी, रेखा देवी, मुन्नी देवी, बेबी कुमारी, रौशन आरा, किरण कुमारी, सोनी कुमारी, सहित सैकड़ों की संख्या में पोषण सखी शामिल थी।