हाट समेत तीन आटो स्टेण्ड की बंदोबस्ती में नहीं चला सिडिकेंट का प्रभाव, गिरिडीह नगर निगम को हुआ फायदा, 36 लाख का मिला राजस्व
उंची बोली लगते देख कई हटे पीछे, कांग्रेस नेता ने भी लिया स्टेण्ड की बंदोबस्ती
गिरिडीहः
गिरिडीह नगर निगम को शनिवार को एक साथ 36 लाख का राजस्व मिला। निगम को यह राजस्व दो आॅटो स्टेण्ड और शहर के व्हीट्टी बाजार के हटिया को किए गए नीलामी से हासिल हुआ। शहर के दो अलग-अलग आॅटो स्टेण्ड में पहला आटो स्टेण्ड की बंदोबस्ती जहां 14 लाख 40 हजार में हुआ। तो वार्ड 19 से 36 की बंदोबस्ती दर सबसे कम सात लाख 50 हजार पहुंच कर सिमट गई। जबकि शहर के व्हीट्टी बाजार हटिया की बंदोबस्ती की शुरुआती बोली नौ लाख से शुरु हुई। तो 13 लाख 15 हजार तक पहुंच कर समाप्त हुई। निगम के इन तीनों की बंदोबस्ती में सिडिकेंट का कोई खास प्रभाव नहीं दिखा। लिहाजा, बंदोबस्ती में शामिल हर कोई शुरुआती दौर में बोली की रकम तो बढ़ाता दिखा। लेकिन बंदोबस्ती की रकम जब अधिक जाने लगी। तो अधिकांश लोग उंची बोली के कारण पीछे हट गए। यहां ना तो सिडिकेंट का कोई दबदबा ही चला। और ना ही बंदोबस्ती को मैनेज करने में कोई सफल हो पाया। इसका सीधा फायदा नगर निगम को मिले एक बड़े राजस्व के रुप में हुआ। क्योंकि इसे पहले ही जब बंदोबस्ती हुई थी, तो निगम को इतने बड़े पैमाने पर राजस्व हासिल नहीं हुआ था। इधर वार्ड नंबर एक से 18 के बंदोबस्ती में सबसे अधिक बोली कांग्रेस नेता शादाब आफताब ने 14 लाख 40 हजार का लगाया। जबकि बंदोबस्ती में आधा दर्जन लोग शामिल हुए। लेकिन बंदोबस्ती लेने वाले अधिकांश लोग अंतिम बोली साढ़े 14 लाख 35 हजार लगाकर क्वीट कर गए। इसके बाद शादाब आफताब ने 14 लाख 40 हजार की बोली लगा इस आॅटो स्टेण्ड की बंदोबस्ती लेने में सफल रहे। वहीं वार्ड नंबर 19 से 36 के आॅटो स्टेण्ड की बंदोबस्ती के बोली की शुरुआती रकम पांच लाख से शुरु हुई। इस दौरान बंदोबस्ती में शामिल कई लोग सात लाख पहुंच कर पीछे हट गए। तो राकेश पांडेय ने सबसे अधिक सात लाख पचास हजार की बोली लगाकर इस स्टेण्ड की बंदोबस्ती को पाने में सफल रहे।
मौके पर व्हीट्टी बाजार हटिया की बंदोबस्ती सबसे अधिक रोचक रही। शहर के इस हटिया की बोली नौ लाख से शुरु हुई। बोली में शामिल हर एक व्यक्ति चार से पांच सौ की रकम बढ़ाकर ही बोली लगा पा रहा था। बंदोबस्ती शामिल विक्रम सिंह, आमीर सोहेल, आकाश गुप्ता, जीवन दास और शंकर यादव की और से करीब आठ मिनट तक पांच सौ का दर अधिक बढ़ाकर बोली लगाया जाता रहा। इस दौरान जब निगम के पदाधिकारियों ने इन बोली लगाने वालों को टोंका, तो बोली का दर फिर हजार और दो हजार रुपये तक बढ़ा। लेकिन 13 लाख की रकम पार होने के बाद कई लोग पीछे हट गए। इसके बाद अंतिम बोली 13 लाख 15 हजार लगाकर आमिर सोहेल ने हटिया के बंदोबस्ती पाने में सफल रहे।