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जनविरोधी सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी काला दिवस संपन्न

कोडरमा। किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर केन्द्र सरकार के खिलाफ आहूत काला दिवस के दौरान बुधवार को सीटू, एआईकेएस, डीवाईएफआई, एसएफआई आदि मजदूर किसान, छात्र युवा संगठनों ने काला बिल्ला लगाकर अपने अपने मांगों का समर्थन किया। केन्द्र की कॉरपोरेट परस्त, तानाशाही, साम्प्रदायिक सत्ता के 7 वर्ष पूरा होने, कृषि विरोधी तीन काले कानूनों को पारित करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से इंकार करने, कारपोरेट परस्त श्रम कोड के जरिए मजदूरों को गुलाम बनाने और पिछले 6 महीनों से जारी किसान आन्दोलन की पूर्ण उपेक्षा करने के खिलाफ किसान संयुक्त मोर्चा आंदोलन पर है। इस दौरान विभिन्न संगठनों ने स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने अपने घरों के बाहर काला बिल्ला लगाकर मांगों से संबंधित पोस्टर लिए प्रदर्शन किया।

मोदी सरकार का सात साल, जनता बेहाल : संजय पासवान

मौके पर डीवाईएफआई के राज्य सचिव और सीटू नेता संजय पासवान ने मोदी सरकार के कार्यकाल को कुशासन करार देते हुए कहा कि भाजपा ने वादा तो किसानों की आय डबल करने का किया था, लेकिन उसकी कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण वास्तव में किसानों की आय घटकर आधी हो गई है। जमीन उनके हाथ से छीने जाने का खतरा पैदा हो गया है और वर्ष 2014 के मुकाबले किसानों की आत्महत्याएं बढ़कर दुगुनी हो गई है। संसद में तानाशाहीपूर्ण तरीके से पारित किए गए किसान विरोधी कानून उनके लिए मौत का परवाना है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जितने लोगों की मौत हुई है, वे महामारी से कम और सरकार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था से ज्यादा मरें हैं। इन मौतों ने सरकार के चेहरे को बेनकाब और राजा को नंगा कर दिया है। मोदी सरकार के सात साल मे जनता सिर्फ बेहाल हुई है।

की गई मांग

प्रदर्शन के माध्यम से कोरोना से बचाव के लिए संसद द्वारा आवंटित 35 हजार करोड़ का इस्तेमाल सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए करने, गांव स्तर पर बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने, सभी गरीब परिवारों को 75 सौ रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद देने व प्रति सदस्य 10 किलो अनाज अगले छह माह तक देने, जिनका रोजगार छीन गया वैसे संगठित असंगठित क्षेत्र के बेरोजगारों को 6 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने, पीएम केयर फंड से अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड, दवाई, वेंटिलेटर की व्यवस्था करने, सेंटर विस्टा प्रोजेक्ट बंद कर उस पैसे से राज्यों को फ्री वैक्सीन देने, पीडीएस दुकानों में दाल, चीनी, तेल सहित सभी आवश्यक सामग्री देने सहित किसान विरोधी तीन कृषि कानून और मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता वापस लेने की मांग की गई।

इन्होने लिया हिस्सा

विभिन्न स्थानों पर हुए विरोध प्रदर्शन में डीवाईएफआई के जिलाध्यक्ष परमेश्वर यादव, जिला सचिव सुरेन्द्र यादव, एसएफआई नेता मुकेश कुमार यादव, शिवपुजन पासवान, राजु साव, विजय सिंह, अजय स्वर्णकार, राजेन्द्र यादव, मनोज यादव, मुकेश यादव, कार्तिक यादव, अभिषेक कुमार, कैलाश यादव, अभिषेक अभि, सुरज कुमार, अभिषेक कुमार, सौरव पासवान, ऋत्विक पासवान आदि शामिल थे।

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