मंत्री हाफिजुल हसन की अध्यक्षता में हुई जिला 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक
- विभागीय कार्यों की हुई समिक्षा, दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश
- बैठक में छाया रहा अनाज की कालाबाजारी व मनेरगा में हुए गड़बड़ी का मामला
गिरिडीह। जिला 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की बैठक बुधवार को नगर भवन में अल्पसंख्यक एवं पर्यटन कला मंत्री हाफिजुल हसन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बगोदर विधायक विनोद सिंह, 20 सूत्री जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह, जीप अध्यक्ष मुनिया देवी, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेनू, जीप उपाध्यक्ष छोटेलाल यादव, प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार, सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, गुड्डू यादव, अजीत सिंह पप्पू, अनवर अंसारी समेत विभिन्न दलों के प्रतिनिधि व सभी विभागों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान सभी विभागों के कार्यों की चर्चा की गई। साथ ही सरकार की ओर से चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजनाओं के प्रगति पर समीक्षा की गई। बैठक के दौरान विभागीय समस्याओं का निष्पादन करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए।
इस दौरान कई प्रखंडो से आएं अलग-अलग दलों के प्रतिनिधियों ने शिकायत करते हुए कहा कि अनाज ढोने वाले वाहन में जीपीएस सिस्टम नहीं होने के कारण काफी हद तक अनाज की कालाबाजारी हो रही है। कहा कि आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों पर सीधे तौर पर अपराधिक मुकदमा चलाने की जरुरत है। तभी अनाज की कालाबाजारी रोकना संभव है। जिसपर मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि हर विभाग में पदाधिकारियों की कमी है। फिर भी आने वाले दिनों में गड़बड़ी होने के बाद दोषी पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान बैठक में 208 राशन डीलरों का भी मुद्दा उठा। तो इस बार आपूर्ति पदाधिकारी के बजाय डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जानकारी दिया कि हाई कोर्ट में 208 राशन डीलरों को लेकर जनहित याचिका दायर किया गया है। इसमें कुछ योग्य पाएं गए थे। जबकि अधिकांश अयोग्य पाएं गए। फिलहाल मामला न्यायलय में है तो इस पर कुछ कहना संभव नहीं है।
बैठक में जिले में मनरेगा योजना में हो रही गड़बड़ी का मामला उठा। इस दौरान सांसद प्रतिनिधी दिनेश यादव ने सदर प्रखंड के 30 में से 14 पंचायतों में मनरेगा योजना में किए गए 7 करोड़ 88 लाख के गड़बड़ी का मामला उठाते हुए कहा कि हर रोज मोबाइल में खबरें आ रही है। 14 पंचायतों में योजनाओं में बड़े पैमाने पर बीडीओ, बीपिओ, मुखिया और रोजगार सेवक के साथ जनसेवकों ने अनावश्यक योजना लेकर 7 करोड़ 88 लाख चूना लगा दिया। जबकि कई पंचायतों में ली गई योजनाओं पर तो काम भी नहीं हो पाया है। सांसद प्रतिनिधी के उठाएं गए सवालों को लेकर डीसी ने मंत्री को जानकारी दिया कि 14 पंचायतों में गड़बड़ी की जांच पूरी हो चुकी है, जिसमें गड़बड़ी पाई गई है। कहा कि जो पदाधिकारी और मुखिया जिम्मेवार है अब उनसें राशि वसूली का प्रयास किया जाएगा और अगर राशि वसूली सफल नहीं हुई, तो फिर केस दर्ज की जायेगी।
इस दौरान मनरेगा योजना में बिरनी और जमुआ प्रखंड का मामला भी उठा। जिसमें प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्षों ने कहा कि बिरनी और जमुआ में ली गई योजनाओं में वैंडरो ने तो रॉ मैटेरियल की रॉयल्टी तक जमा नहीं किया और इन प्रखंड के कई पंचायतों में अनावश्यक योजनाएं ले ली गई। इस पर डीसी द्वारा जांच कराने का भरोषा दिया गया।