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डीडीसी की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक

  • पल्स पोलियों अभियान को सफल बनाने को लेकर की गई चर्चा
  • 18 सितम्बर को बूथों पर पांच साल तक बच्चों को दी जायेगी दो बूंद जिंदगी

गिरिडीह। उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई। जिसमें मुख्य रूप से पल्स पोलियो की समीक्षा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सर्विलांस ऑफिसर यूएनओ डॉ0 दीपक ने बताया कि झारखंड के 7 जिलों में पल्स पोलियो ड्राइव चलाया जाना है। जिसमें बोकारो, देवघर, गिरिडीह, जामतारा, रामगढ़, पाकुर और साहिबगंज जिला शामिल है। बताया कि 2011 के बाद भारत में पोलियो का कोई केस नहीं पाया गया है। 15 वर्ष से कम उम्र के लकवा ग्रस्त बच्चों के जांच में पोलियो नहीं पाया गया है, लेकिन भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में पोलियो के मामले पाए गए हैं। जिसे देखते हुए भारत में सावधानी आवश्यक है।

बैठक में बताया गया कि गिरिडीह जिला में फरवरी माह में ग्रामीण क्षेत्र में 80 प्रतिशत बच्चे तथा शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। इस प्रकार पाया गया कि लगभग 10 प्रतिशत बच्चे छूट रहे हैं जिसे शत-प्रतिशत करना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्र में डुमरी, पीरटांड़, जमुआ, गावां आदि प्रखंडों में भी पोलियो की दवा पिलाने का प्रतिशत कम रहा है, इसमें सुधार लाने की आवश्यकता है। इस बार जिले के उन क्षेत्रों में जहां पर कम बच्चों को पोलियो की दवा दी गई है, वहां पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

पल्स पोलियो ड्राइव के तहत 18 सितम्बर को बूथों पर पोलियो की दवा बच्चों को पिलाई जाएगी। 19 व 20 सितंबर को छूटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर पोलियो की दवा दी जाएगी। बताया कि जिला में पल्स पोलियो हेतु 5035 बूथ बनाए गए हैं एवं 507 सुपरवाइजर बनाए गए हैं। सेविका, सहायिका, एएनएम तथा सहिया को प्रशिक्षण दिया गया है। माइक्रोप्लान की प्रति सभी टीम मेंबर को दी गई है।

बैठक को संबोधित करते हुए उपविकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा ने कहा कि सभी संबंधित पदाधिकारी इस संबंध में काम करते हुए पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाएंगे। छूटे हुए लोगों को कोविड का दूसरा डोज दिलवाना सुनिश्चित करेंगे तथा कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र में उपचार के लिए भेजना सुनिश्चित करेंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि पोलियो की दवा देने के बाद नाखुन पर मार्किंग की जानी है तथा जिन घरों में 5 साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा दे दी गई पी मार्क करना है। कहा की कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज जिन लोगों को नहीं मिला है उन्हें जल्दी दिया जाए तथा विद्यालयों में जिन बच्चों को सेकेंड डोज नहीं मिला है वहां पर दिया जाए। इस दौरान सिविल सर्जन ने आभा कार्ड की भी जानकारी दी। इसे आधार कार्ड एवं आधार कार्ड से संलग्न कर मोबाइल नंबर से संपदा कर बनाया जाना है। यह एक आईडी कार्ड के रूप में कार्य करेगा। इसमें संबंधित व्यक्ति का पूरा मेडिकल हिस्ट्री रहेगा।

बैठक में सिविल सर्जन पीके मिश्रा, सभी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, डीपीएम स्वास्थ्य विभाग तथा सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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