बालू, कोयला, ढिबरा पर रोक के खिलाफ माले ने निकाला जनाक्रोश मार्च
- समाहरणालय के समक्ष किया प्रदर्शन, उपायुक्त को ज्ञापन देकर की रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग
- रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था के बिना गरीबों की रोजी रोटी पर हमला बर्दास्त नहीं: विनोद सिंह
- अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जनता को परेशान कर रही है राज्य सरकार: राजकुमार यादव
गिरिडीह। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सोमवार को भाकपा माले ने गिरिडीह जिले में बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बालू उठाव सहित ढिबरा, कोयला, गिट्टी आदि की ढुलाई पर भी रोक लगाए जाने के विरोध में माले ने जनाक्रोश मार्च निकाला। तीन सूत्री मांगों के समर्थन में भाकपा माले सहित अखिल भारतीय किसान महासभा, झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा, इंकलाबी नौजवान सभा, महिला संगठन ऐपवा आदि से जुड़े काफी संख्या में महिला-पुरुष झंडा बैनर लेकर सर्कस मैदान में इकट्ठा हुए और जनाक्रोश मार्च निकालकर शहर से करीब 5 किमी दूर स्थित समाहरणालय परिसर पहुंचे और धरना दिया।
इस दौरान बगोदर विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार यादव, जिला सचिव पूरण महतो, राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव, गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने सरकार के नाम उपायुक्त को ज्ञापन देते हुए हजारों गरीब मजदूरों के समक्ष उत्पन्न रोजगार की समस्या को दूर कर रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की।
मौके पर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि गिरिडीह जैसे जिले में प्रशासन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि, बालू के उठाव पर रोक लगा दिए जाने के बाद आखिर आम लोग अपने निर्माण कार्यों या छोटी मोटी सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए बालू कहां से खरीदेंगे या बालू का उठाव कहां से होगा। हालांकि इसी जिले में रेलवे सहित बड़ी निर्माण कंपनियों के लिए बालू उपलब्ध हो रहा है, लेकिन कैसे और कहां से हो रहा है, इस पर प्रशासन की कोई नजर नहीं जाती है। सिर्फ आम लोगों के साथ समस्या उत्पन्न हो रही है। कहा कि, कई अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर भी रोक लगा दी गई है जिसकी निर्माण कार्य में जरूरत होती है। इसके अलावे गरीबों को ढिबरा चुनने, कोयला की ढुलाई करने आदि पर भी रोक लगा कर एक तरह से उनकी रोजी-रोटी पर ही समस्या उत्पन्न कर दी गई है। प्रशासन तथा सरकार को तत्काल इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि, हेमंत सरकार रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन अभी तक का कार्यकाल यह बताने के लिए काफी है की उल्टा गरीबों से रोजगार छीनने का काम किया जा रहा है। कहा कि राज्य सरकार अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आम लोगों को परेशान कर रही है। श्री यादव ने कहा कि जिले के दसियो हजार परिवार ढिबरा चुन कर अपनी जीविका चलाते हैं, साइकिलों से कोयला ढोते हैं, खदानों और क्रैसरों में काम करके अपनी जीविका चलाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का बुरा हाल है। रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं। ऐसे में पहले से रोजी-रोटी में लगे लोगों का रोजगार छीनना बिल्कुल गलत है। भाकपा माले इसके लिए जिले भर में आंदोलन चलाएगी।
कार्यक्रम को पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम सिंह, राजेश यादव, जयंती चौधरी, राजेश सिन्हा आदि ने भी संबोधित किया तथा एक स्वर में सरकार से गरीबों के रोजगार पर हमला बंद करने की मांग की। बालू के तत्काल उठाव की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की। ढिबरा, कोयला, गिट्टी आदि के क्षेत्र में लगे मजदूरों का रोजगार सुनिश्चित करने की मांग की तथा चेतावनी दी कि, यदि गरीबों का रोजगार प्रभावित हुआ तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो जिले में चक्का जाम और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।
जनाक्रोश मार्च मुख्य रूप से उस्मान अंसारी, मुस्तकीम अंसारी, पवन महतो, कौशल्या दास, अखिलेष राज, प्रीति भास्कर, विजय पांडे, कन्हैया सिंह, सकलदेव यादव, संदीप जयसवाल, किशोरी अग्रवाल, पप्पू खान, मीना दास, राजकुमार दास, सरिता महतो, असरेश तुरी, ताज हसन, फूल देवी, नौशाद अहमद चांद, नागेश्वर महतो, भोला मंडल, लालमणि यादव, मनोज यादव, रामकिशन यादव, धर्मेंद्र यादव, पवन चौधरी, पिंकी भारती, सरिता देवी, सनातन साव, सोनू रवानी, एकलव्य उजाला, रामलाल मंडल, खीरू दास, रिजवान अंसारी, संजय चौधरी, संतोष राय सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।