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कोडरमा की बेटी को गिरिडीह प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश के कोर्ट से मिला इंसाफ, हत्यारे पति को सुनाया आजीवन कारावास

गिरिडीहः
दहेज हत्या के डेढ़ साल पुराने मामले में गिरिडीह प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा के कोर्ट ने आरोपी पति को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास और तीन साल की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है। आरोपी पति बबलू पांडेय पर चार दिन पहले आरोप गठित हुआ। जबकि बुधवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई हुआ, और सजा सुनाया गया। हालांकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता कृष्णकांत सिंह ने प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश से सजा कम करने की अपील किया। लेकिन अपर लोक अभियोजक गौरखनाथ सिंह ने इसका विरोध किया। तो प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा ने आरोपी को हत्या की अलग-अलग धारा 302 आजीवन कारावास के साथ 10 हजार का जुर्माना लगाया। तो आईपीसी की धारा 201 में तीन साल की सजा सुनाने के साथ 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। दोनों सजा साथ-साथ चलेगा। जानकारी के अनुसार कोडरमा के बेकोबाद गांव की संगीता देवी की शादी साल 2008 में गिरिडीह के सरिया के मडरामो गांव निवासी बबलू पांडेय के साथ हुआ था। लेकिन मृतका के शादी के बाद से ही दहेज की मांग की जा रही थी। लेकिन विरोध के कारण ही मृतका के साथ मारपीट तक हुआ, और कई बार पंचायती में दोनों के विवाद का समाधान का रास्ता भी निकाला गया। इसके बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ, तो डेढ़ साल पहले साल 2021 में साजिश कर आरोपी पति बबलू पांडेय ने अपनी पत्नी संगीता देवी की हत्या कर दिया। हत्या के बाद मृतका के भाई और कोडरमा के बेकोबाद गांव निवासी जयप्रकाश पांडेय ने सरिया थाना में केस दर्ज कराया। वहीं डेढ़ साल बाद सरिया पुलिस ने मामले में फाइनल चार्जशीट सौंपा। और इसी फाईनल चार्जशीट के आधार पर प्रधान डीजे के कोर्ट ने आरोपी पर आरोप तय किया। जबकि बुधवार को सजा सुनाया।

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