धनवार में ब्रिटिश साम्राज्य के कार्यकाल का नौलखा डैम का मेढ़ टूटा
- कई इलाके जलमग्न होने के हालात में, कई ग्रामीणों के फसल को हुआ नुकसान
- चार करोड़ के टेंडर के बाद रांची की अतुल एजेंसी कर रही थी काम
गिरिडीह। जिले के धनवार का इकलौता नौलखा डैम का मेढ़ टूटने से कई इलाको में पानी भरने का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दवाब के कारण तीन दिनों के मुशलाधार बारिश जारी अलर्ट के बीच दो दिनों से हो रहे मुश्लाधार बारिश के कारण धनवार के इकलौते नोलखा डैम का मेढ़ रविवार की सुबह टूटा। और डैम से पानी निकल कर आसपास के इलाको में गांवों में घुसना शुरू हो गया। नौलखा डैम से पानी निकल कर डैम से सटे राजा नदी में पानी का तेज बहाव और बाढ़ के हालात देख जब रविवार की सुबह स्थानीय ग्रामीणों की नींद टूटी। तो पूरे इलाके में डैम से निकलता पानी की चर्चा तेज हो गई। लिहाजा, स्थानीय लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। जानकारी मिलने के बाद धनवार बीडीओ भी नौलखा डैम पहुंचे। और पूरे हालात की जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों को भी हिदायत दिया गया की लोग डैम के समीप जाने से बचे। हालाकि बारिश के कारण मेढ़ के टूटे हुए हिस्से को फिलहाल उसी तरह छोड़ दिया गया है। तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को अब डर इस बात का भी है की कहीं डैम के मेढ़ टूटने के कारण आसपास के इलाके जलमग्न न हो जाए। वैसे मेढ़ टूटने के कारण ही इसके आसपास के बुध्दुवाडीह, राजा टोला, खेरवानी समेत कई और हिस्से में राजा नदी का तेज बहाव ने प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।

डैम के मेढ़ टूटने से राजा नदी में पैदा हुए बाढ़ के हालात के कारण ही स्थानीय ग्रामीणों में कामेश्वर चौधरी, जगदीश चौधरी, सुबोध चौधरी, विजय कुमार समेत कई ग्रामीण के खेत में लगा फसल रविवार को बर्बाद हो चुका था। बताते चलें की धनवार का इकलौता नौलखा डैम ब्रिटिश साम्राज्य की देन है। ब्रिटिश साम्राज्य में ही इस डैम का निर्माण 1938 में रखा गया। और जब 1963 में अकाल का सामना करना पड़ा, तो उस वक्त नो लाख के लागत से इस डैम का टेंडर हुआ, इसी टेंडर के कारण इसका नाम नौलखा डैम के रूप में कर दिया गया। और अब तक इसी डैम से धनवार के कई इलाकों के किसानों को सिंचाई के पानी मिलता रहा है। जबकि 25 पंचायत के गांवों को पेयजलापूर्ति की योजना भी इसी डैम के जरिए बनाया जा रहा था। लिहाजा, चार करोड़ के लागत से इस डैम का सौंदर्यीकरण का शिलान्यास कुछ महीने पहले धनवार के विधायक और भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी द्वारा किए जाने के बाद रांची के अतुल कांट्रेक्टर एजेंसी ने कार्य भी शुरू कर दिया था। कार्य शुरू ही हुआ था की मानशून के इसी दो दिन के बारिश के कारण डैम का मेढ़ टूट गया। इधर स्थानीय ग्रामीणों की माने तो डैम का कार्य सही से हुआ रहता तो धनवार के कई इलाकों को इसका फायदा होता। क्योंकि 40 हजार की आबादी को इसका फायदा मिलता। इधर डैम के मेढ़ के टूटने के बाद अब सीधे तौर पर अतुल एजेंसी निशाने पर है।