मधुबन और खुखरा में अर्धसैनिक सुरक्षा बलों की कई कंपनियों के रहते माओवादियों ने उड़ाया मोबाइल, खुफिया एजेंसी कैसे चूक गई सूचना देने में
प्रतिरोध दिवस और नक्सली बंदी की घोषणा के दुसरे दिन घटना ने गिरिडीह पुलिस के लिए चुनौती
गिरिडीह
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अपने शीर्ष नेता प्रशांत बोस और शीला दी की गिरफ्तारी के प्रतिशोध में दो मोबाइल टावर उड़ाकर भले ही लंबी खामोशी को तोड़ा हो। लेकिन यहां सिर्फ चर्चा माओवादियों के पीरटांड इलाके में मौजूदगी की बात करना बेईमानी होगी। क्योंकि खुफिया एजेंसियों की नाकामी भी साफ तौर पर दिख रहा है। शुक्रवार की देर रात गिरिडीह के मधुबन और खुखरा थाना क्षेत्र के जयनगर और जमुनियाटांड में माओवादियों के दस्ते ने एयरटेल और आईडिया का टावर आईईडी ब्लास्ट कर उड़ाया।
जबकि इन इलाकों में सीआरपीएफ की कई कंपनियां काफी सालों से तैनात है। मधुबन के अलावे पारसनाथ पहाड़ में जैप और आईआरबी के साथ सीआरपीएफ के जवान तैनात है तो खुखरा में भी सीआरपीएफ 154वीं बटालियन की एक कंपनी तैनात है। इसके बाद भी माओवादियों के दस्ते के अलग-अलग हथियारबंद टुकड़िया 10 बाईक में पहुंचती है। और जयनगर के साथ जमुनियाटांड के मोबाइल टावर को विष्फोट कर उड़ा देती है। इसे स्पस्ट है कि माओवादियों ने अपने मौजूदगी का अहसास तो कराया ही। साथ ही खुफिया एजेंसियों की नाकामी को भी उजागर किया। वैसे छह दिवसीय प्रतिरोध दिवस और नक्सली बंदी की शुरुआत तो बीतें शुक्रवार से ही शुरु हो चुका था।
लेकिन दुसरे दिन जब माओवादियों के द्वारा दिए घटना की सूचना जिला से लेकर राज्य मुख्यालय तक पहुंची। तो पुलिस को अब और हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। क्योंकि माओवादियों ने प्रशांत बोस और शीला दी की गिरफ्तारी और जेल में बेहतर स्वास्थ सुविधा नहीं मिलने का प्रतिशोध लिया है। लिहाजा, पुलिस भी फिलहाल यही मानकर चल रही है कि आने वाले छह दिन काफी चुनौतीपूर्ण ही है। माओवादी भी शांत नहीं बैठने वाले।