कोयला उठाव को लेकर गिरिडीह में जारी धरने ने सीसीएल की बढ़ाई चिंता, तो महाप्रबंधक ने कहा एमपीएल को दुसरे जिले से मिलेगी अनुमति
तीसरे दिन भी धरना जारी, समर्थन देने पहुंचे भाजपा और कांग्रेस
गिरिडीहः
मैथन पाॅवर लिमिटेड एमपीएल के कोयला उठाव पर बढ़ते विवाद को लेकर सीसीएल प्रबंधन भी चिंता में है। क्योंकि पिछले दो दिनों से ट्रक मालिकों और डीओ होल्डरों का धरना शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। लिहाजा, अब सीसीएल प्रबंधन इसे लेकर कोई समाधान निकालने के प्रयास में जुट गया है। वैसे तीसरे दिन शनिवार को ही धरने का समर्थन करने गिरिडीह कांग्रेस नेता अजय सिन्हा मंटु और भाजपा नेता चुन्नूकांत भी पहुंचे। धरने का समर्थन कांग्रेस के युवा अध्यक्ष शंकर राय ने भी किया। तो भाजपा नेता चुन्नूकांत ने झामुमो और स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि ओपेनकाॅस्ट खदान से एमपीएल के कोयला उठाव के चोर प्लानिंग का समर्थन कर विधायक ने जता दिया कि सत्ता में आने के बाद मजदूरहित का नारा सिर्फ चोंचलेबाजी है। भाजपा नेता ने कहा कि एमपीएल की नीति पूरी तरह से मजदूर और ट्रक मालिकों के खिलाफ वाली है। ऐसे में इस नीति का समर्थन नहीं किया जा सकता। लेकिन मजदूरहित के दावे करने वाली झामुमो और विधायक अब मजदूर विरोधी बनकर एमपीएल का समर्थन क्यों और कैसे करने लगे, यह सोचने वाली बात है। वहीं कांग्रेस नेता ऋषिकेश मिश्रा ने भी एमपीएल के नीति को गलत ठहराते हुए कहा कि किसी सूरत में कोयला उठाव नहीं होने दिया जाएगा। फिर चाहें एमपीएल के समर्थन में कोई भी राजनीति दल व उनके नुमाईदें ही सामने क्यों नहीं आएं। इधर तीसरे दिन ही धरने में कमलचंद साहु, राजेन्द्र यादव, राजेन्द्र राय, उमेश दास, पिंटू राम, संतोष जाधव, छोटू मंडल, गुड्डु सिंह, दीपक साहु समेत काफी संख्या में मजदूर, ट्रक मालिक मौजूद थे।
इधर चोर दरवाजे से कोयला उठाव के एमपीएल के प्लानिंग को मिले रहे स्थानीय सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू समेत उनके पार्टी का समर्थन और गिरिडीह कोलियरी के सहयोग ने एमपीएल का हौसला तो जरुर बढ़ाया है। लेकिन इसी विवाद के बीच तीसरे दिन सीसीएल के रांची दरभंगा हाउस के क्रय विभाग के महाप्रबंधक अजीत सिंह ने न्यूजविंग से बातचीत के क्रम में चिंता जताते हुए कहा कि सीसीएल प्रबंधन के यह वाकई उचित नहीं है। महाप्रबंधक ने इस दौरान कहा कि समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लिहाजा, मैथन पाॅवर लिमिटेड को किसी और जिले से कोयला उठाव करने की अनुमति दिया जा सकता है। क्यांेकि जो डीओ एमपीएल की और से लगाया गया है। उसे रद्द नहीं किया जा सकता। इसके बाद सिर्फ यही समाधान का रास्ता निकलता है।