LatestNewsगिरिडीहझारखण्ड

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हुआ दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन

  • बच्चों ने अपने दादा-दादी व नाना-नानी का पांव धोकर व आरती उताकर किया सम्मान
  • वृद्धों को सम्मान करने की प्रेरणा बच्चों को देना आवश्यक: उमेश बरनवाल

गिरिडीह। गिरिडीह के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल में शनिवार को दादा-दादी और नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्कूल में हुए इस कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल के प्रिंसिपल शिव कुमार चौधरी, रिटायर्ड अभियंता उमेश बरनवाल और आरएसएस के विभाग निरीक्षक ओमप्रकाश सिन्हा ने माता सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान करीब 70 से अधिक वृद्धों की पूजा उनके पोते पोतियां और नाती नातिन ने पांव धोकर और आरती उतार कर किया।

नन्हे बच्चों द्वारा की गई यही पूजा और सम्मान स्कूल में हुए कार्यक्रम में सबसे खास रहा। क्योंकि एक साथ 70 से अधिक वृद्धों को सनातन संस्कृति के अनुसार सम्मान दिया गया। इसके बाद बच्चो ने अपने दादा-दादी और नाना-नानी का आशीर्वाद भी लिया। कमोबेश, स्कूल के इस कार्यक्रम को लेकर बच्चे भी उत्साहित दिखे।

मौके पर कार्यक्रम को लेकर रिटायर्ड अभियंता उमेश बरनवाल ने कहा कि भारत का प्राचीन इतिहास भी यही रहा है कि बच्चो को ये संस्कार दिया जाए की वो अपने वृद्धों का सम्मान करना सीखे। रिटायर्ड अभियंता ने सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल को सनातनी संस्कृति का वाहक बताते हुए कहा कि हर घरों में ऐसे संस्कार अगर बच्चांे को दिया जाता है तो उस घर के बच्चे एक वक्त पर उदाहरण पेश करतें है।

कार्यक्रम के दौरान स्कूल के बच्चो द्वारा कई गीतों पर नृत्य भी पेश किया गया। जिसमे दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ, जैसे गीतों पर बच्चो ने सामूहिक नृत्य पेश किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के शिक्षक राजेंद्र बरनवाल, मनोज चौधरी, सतीश मिश्रा समेत कई शिक्षकों ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons