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गिरिडीह सदर अस्पताल में अब वाहन पार्किंग पर लगेगा शुल्क, सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएगें प्राईवेट सुरक्षा गार्ड

हंगामा होने पर पुलिस सहयोग के लिए अस्पताल में लगा तेज आवाज वाला सायरन सिस्टम

अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में लिया गया फैसला

मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
अब सदर अस्पताल में वाहनों के पार्किंग करने पर पार्किंग शुल्क भुगतान करना होगा। गिरिडीह अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन को अब पार्किंग जोन से राजस्व जुटाना लक्ष्य है। हालांकि अस्पताल के कर्मियों, चिकित्सकों और वीआईपी वाहनों का पार्किंग का कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके लिए स्वास्थ कर्मियों से लेकर चिकित्सकों को एक खास तौर पर पास निर्गत किया जाएगा। और इसी पास के सहारे चिकित्सक और कर्मी अपने वाहनों को अस्पताल परिसर में पार्किंग कर सकेगें। जानकारी के अनुसार इस नए व्यवस्था को अस्पताल प्रबंधन समिति अगले 20 दिनों से लेकर एक माह के भीतर लागू करने की तैयारी में जुट चुका है। वैसे सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल ने भी स्पस्ट किया कि इस व्यवस्था को जल्द लागू करने की प्रकिया तेज की जा रही है। जाहिर है कि इस नए व्यवस्था के बाद अब कोई भी अपने वाहनों की पार्किंग मनमाने तरीके से नहीं कर सकेगा।


अस्पताल की सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन समिति ने पार्किंग करने के लिए शुल्क लेने का निर्णय लिया। वैसे इस बैठक में लिए गए कुछ फैसले क्रियान्वित भी कर लिए गए। जिसमें सदर अस्पताल बेहद तेज आवाज वाला सायरन सिस्टम लगाया गया है। बेहद तेज आवाज के इस सायरन का इस्तेमाल सिर्फ स्वास्थ कर्मियों को उस वक्त करना है। जब कभी देर रात अस्पताल में किसी प्रकार का हंगामा हुआ, तो सुरक्षा के लिए कर्मी सहयोग के लिए पुलिस बुला सकें। इधर अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार वाहन लेकर सदर अस्पताल आने वाले हर व्यक्ति को पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग शुल्क का भुगतान करना होगा। पार्किंग करने वाला व्यक्ति किसी मरीज को लेकर आएं, या वह खुद अपना इलाज कराने पहुंचे उसे वाहन पार्किंग करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन समिति ने दो पहिया वाहन के लिए शुल्क 10 रु तय किया है। तो चार पहिया वाहनों का दर फिलहाल तय नहीं हो पाया है। लेकिन पार्किंग जोन से आउटसोर्सिंग कंपनियां शुल्क का वसूली करेगी। इसके लिए टेंडर भी किया जाएगा। यही नही अस्पताल प्रबंधन समिति अब प्राईवेट सुरक्षा कंपनी के हाथों में 24 घंटे अस्पताल सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपेगी। पूरे अस्पताल में 10 से अधिक प्राईवेट सिक्यूरिटी गार्ड तैनात किए जाएगें। जो मेन गेट से लेकर अस्पताल के पिछले हिस्से में 24 घंटे नजर रख सकेगें। और जरुरत पड़ने पर असमाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करेगें।

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