रंजीत साव हत्याकांड में अधूरे उपलब्धि पर अपनी पीठ थपथपा रही गिरिडीह पुलिस, मुख्य गुनहगार अब भी फरार
एक आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने हत्या का कारण दोस्तों के बीच बताया पैसों का विवाद
मृतक युवक कुछ लोगों के साथ खेला करता था कमेटी
गिरिडीहः
रंजीत साव हत्याकांड में शामिल मो. मोकिम असंारी को उसके धोबीडीह गांव स्थित घर से गिरफ्तार कर पुलिस आधे-अधूरे उपलब्धि पर गिरिडीह पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। पुलिस ने बाईक को बदगुंदा से बरामद किया। हत्या के इस मामले का रुख मोड़ने के लिए जावेद ने मोकिम के सहयोग से बाईक को बदगुंदा में फेंका था। यही नही जावेद ने पत्थर से कुचल कर रंजीत का हत्या किया था। और हत्या करने के बाद जावेद ने शव को नीचे झाड़ियों में फेंक दिया। फिलहाल मुख्य गुनहगार जावेद के पुलिस गिरफ्त से दूर होने की बात कही जा रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो गुजियाडीह खंडहरनुमा हवेली से 24 वर्षीय युवक रंजीत साव का शव मिलने से कुछ घंटे पहले हत्याकांड का मुख्य आरोपी जावेद मुफ्फसिल थाना पहुंचा। और पुलिस के सामने नई कहानी गढ़ कर चलता बना। जिस वक्त जावेद थाना पहुंचा था। उस वक्त मृतक युवक के परिजन उसके लापता होने का आवेदन देने थाना पहुंचे थे। लेकिन पुलिस मुख्य गुनहगार से रंजीत साव के गायब होने का कहानी सुनकर उसे थाना से जाने दे दी। उसे पूछताछ के लिए हिरासत में भी नहीं लिया गया। जबकि रंजीत साव के हत्याकांड का पूरा मास्टर मांइड खुद जावेद ही था।
इधर हत्याकांड का खुलासा करते हुए रविवार को पुलिस लाईन में प्रेसवार्ता कर एसपी अमित रेणु, सदर एसडीपीओ अनिल सिंह और मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने बताया कि पैसों को लेकर रंजीत साव की हत्या हुई। लेकिन पैसों को लेकर तीनों के बीच विवाद का स्वरुप क्या था? इसका खुलासा प्रेसवार्ता में यह कहते हुए करने से इंकार कर दिया गया कि मामले का अनुसंधान अब भी किया जा रहा है। दरअसल, पैसों को लेकर विवाद का जो मामला सामने आया है। उसमें रंजीत साव और जावेद द्वारा कमेटी खेले जाने की बात कही जा रही है। कमेटी से ही रंजीत को कुछ दिनों बाद दो लाख रुपये मिलने थे। दो लाख को हड़पने के लिए जावेद ने रंजीत के हत्या का प्लान बनाया था। यह पूरा खुलासा पुलिस के पूछताछ में गिरफ्तार अपराधी मो. मोकिम असंारी ने किया है। पूछताछ में मोकिम ने यह भी कबूला कि रंजीत को मारकर दो लाख हड़पने की बात जावेद ने उसे किया था। लिहाजा, अपने प्लानिंग के अनुसार जावेद और मोकिम ने रंजीत को फोन कर बुलाया। इसके बाद जावेद ने कोलडीहा में मुर्गा लेकर उसे बदडीहा के अंकित ढाबा में तैयार कराया। इस दौरान जावेद ने बदडीहा के समीप एक शराब दुकान से बीयर भी खरीदा था। और इसके बाद तीनों गुजियाडीह के खंडहरनुमा हवेली पहुंचे। जहां तीनों चिकेन खाने के साथ बीयर पीया। और घटना को अंजाम देकर वहां से दोनों आरोपी फरार हो गए।