नगर भवन में गिरिडीह विधिक सेवा प्राधिकार और झालसा ने किया मेगा सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन
प्रधान जिला जज और डीसी ने लाभुकों के बीच किया परिसंपतियों का वितरण, नौनिहालों को कराया मुंहजूठी
गिरिडीहः
गिरिडीह नगर भवन में रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर झालसा और जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने महिला मेगा विधिक सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया। सशक्तिकरण कार्यक्रम की शुरुआत प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और डीजे अष्टम यशवंत प्रकाश ने दीप जलाकर किया। इस दौरान कार्यक्रम में कई लाभुकों के बीच परिसंपतियों का भी वितरण किया गया। जबकि कई नौनिहालों को डीजे और डीसी के साथ डीजे अष्टम ने दूधमुंही कराकर मुंहजूठी भी कराया। तो इस दौरान नौनिहालों के साथ उनकी माताएं भी मौजूद थी। जबकि कार्यक्रम में कृषि विभाग सह आत्मा, आपूर्ति विभाग, नगर निगम, और समाज कल्याण विभाग के साथ कई बैंको के स्टॉल भी लगे हुए थे। जिसका अवलोकन अधिकारियों ने लोगों के बीच चल रही योजनाओं की जानकारी ली।

मौके पर प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा ने कहा कि आजादी के अमृत काल के बाद महिलाओं को कई अधिकार दिए गए। लेकिन यह भी सही है कि जागरुकता के अभाव में महिलाएं अपने अधिकार ले नहीं पा रही। प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधशी ने कहा कि सरकार ने कानूनी सहयोग लेने के लिए कई विकल्प और सहयोग महिलाओं को दे रखा है।
जबकि कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार और झालसा के सहयोग से महिला मेगा सशक्तिकरण कार्यक्रम का मकसद महिलाओं को उनका सम्मान और अधिकार दिलाना है। और इसमें सफलता तभी मिलना संभव है जब महिलाएं एक-एक योजनाओं का फायदा उठाती है। सुलभ न्याय देने के लिए विधिक सेवा प्राधिकार को सशक्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान नगर भवन में काफी संख्या में लाभुक शामिल हुए।

जबकि कार्यक्रम में अपर समहर्ता विल्सन भेंगरा, अपर पुलिस अधीक्षक हारिश-बनि जमां के साथ आपूर्ति पदाधिकारी गौत भगत, विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप गौतम जिला परिवहन पदाधिकारी रोहित सिन्हा समेत कई प्रशासिनक और न्यायिक पदाधिकारी शामल हुए। शाम तक चले कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग विभागों से 734 लाभुकों के कई योजना से जोड़ा गया। तो कई लाभुकों के बीच दो करोड़ 74 लाख के परिसंपतियों का भी वितरण किया गया।