लोगो को अनावश्यक केस से राहत दिलाने को लेकर गिरिडीह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अब शुरू करेगा लोक अदालत का आयोजनः मनोज प्रसाद
गिरिडीह
उच्चतम न्यायालय और नालसा के निर्देश पर गिरिडीह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दो महीने तक लगातार राष्ट्रीय लोक अदालतए मासिक लोक अदालत के आयोजन में जुट गई है। इसी क्रम में शनिवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज प्रसाद, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी दीपक कुमार शर्मा और डीएलएसए सचिव सोनम विश्नोई ने सर्किट हाउस में पत्रकार सम्मेलन कर कई जानकारी दिया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार और डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा की 29 को राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ किया जाना है। अधिकारियों ने बताया की उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में करीब दो सौ मामले पेंडिग है। इसमें गिरिडीह से जुड़े दो मामले है। जिसमें एक सरकारी नोकरी यानी सर्विस से जुड़ा हुआ है। तो दूसरा मोटर वाहन सड़क हादसे से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों ने बताया की 29 जून के बाद दूसरा राष्ट्रीय लोक अदालत 13 जुलाई को होना है। जो हर तरह के राजस्व से जुड़े मामले का निष्पादन होना है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और डीसी ने कहा की जमीन से जुड़े मामले का निष्पादन किया जाना है। जबकि बैंक से जुड़े मामले के साथ कई और मामले में पक्षकारों को राहत दिलाना है। एक सवाल के जवाब में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनम विश्नोई ने कहा की राजस्व से जुड़े करीब 500 आवदेन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मिल चुके हैं। लिहाजा, डिफाल्टर को इन लोक अदालतों के माध्यम से अपने मामलों का निष्पादन सुलह के आधार पर कराने का प्रयास जरूर करना चाहिए। वही एक और सवाल के जवाब में एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा की सड़क हादसे के साथ हर मामले का केस डायरी और चार्जशीट वक्त पर कोर्ट पहुंचे। इसके लिए कोर्ट के सहयोग से सिपु यूनिट गठित हो चुका है। जहा हर मामले का केस डायरी और चार्जशीट को सीमित वक्त पर देने की व्यस्था किया जा रहा है। इसी तरह सीपीएमएस यूनिट के तहत वारंट और समय पर गवाही की प्रक्रिया को पूरा करने को लेकर काम किया जाना है। प्रेसवार्ता के दौरान तीनो अधिकारियों ने बताया की अधिक से अधिक मामले का निष्पादन कर लोगो को राहत दिलाने का प्रयास है राष्ट्रीय और मासिक लोक अदालत का आयोजन। इधर प्रेसवार्ता के दौरान डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी, डीपीआरओ अंजना भारती भी मौजूद थीं।