होल्डिग टैक्स में इजाफे के खिलाफ गिरिडीह भाजपा ने हेमंत सरकार पर बोला हल्ला, वार्ड पार्षदों ने साधी चुप्पी
गिरिडीहः
छह साल बाद राज्य में हुए होल्र्डिंग टैक्स में वृद्धि का विरोध अब गिरिडीह में खुलकर हुआ है। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के नेता और समर्थक भी हेमंत सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया में हल्ला बोल रहे हैं। तो गिरिडीह भाजपा कमेटी के नेताओं ने इस मामले में हेमंत सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को भाजपा नेता संदीप डंगाईच, हरमिंदर सिंह बग्गा, संतोष गुप्ता, मोती लाल उपाध्याय समेत कई भाजपा नेता डीसी से मिलकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। तो एक ज्ञापन डिप्टी महापौर को भी सौंपा गया। इधर विरोध कर रहे भाजपा नेता संदीप डंगाईच ने कड़े शब्दों में हेमंत सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सवाल छह साल में टैक्स वृद्धि का मुद्दा अलग है। क्योंकि होल्डिंग टैक्स में 34-40 फीसदी से लेकर तीन सौ तक वृद्धि कर दिया गया है। और सरकार का यह फैसला पूरी तरह से जनविरोधी है। लिहाजा, टैक्स वृद्धि को लेकर भाजपा का आंदोलन जारी रहेगा।
इधर होल्डिग टैक्स में वृद्धि को लेकर नगर निगम का अपना ही तर्क है। निगम के पदाधिकारियों का मानना है कि सरकार के नए निर्देश के अनुसार अब होल्डिग टैक्स में मामूली इजाफा हुआ है। और इसमें निगम कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि टैक्स में छह साल बाद वृद्धि की गई है। हालांकि सरकार ने कुछ राहत भी दिया है। जिसमें महिलाओं के साथ दिव्यांगो और निर्धन तबके को सिर्फ 50 फीसदी टैक्स का ही भुगतान करना होगा। दरअसल, छह साल पहले निगम क्षेत्र के टैक्स धारकों से सड़को की अहमियत के साथ भुगतान करना होता था। उदाहरण के लिए मकतपुर मुहल्ला शहर के पौश इलाके में जाना जाता है। और इसके सड़क की चाौड़ाई 40 फीट से अधिक है तो उसी अनुसार टैक्स धारकों को होल्डिंग टैक्स का भुगतान करना होता था। वहीं अब रजिस्ट्री के कीमत के आधार पर भुगतान करना होगा। लिहाजा, विरोध इसी बात को लेकर हो रहा है। वैसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि निगम के बोर्ड की बैठक भी निगम में होती रहती है। तो तमाम भाजपा और झामुमो समेत कई दलों के वार्ड पार्षद भी शामिल होते है। लेकिन हर दलों के समर्थक वार्ड पार्षद इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। लिहाजा, निगम क्षेत्र के लोगों को यही बात चुभ रहा है कि इतने गंभीर मुद्दे का विरोध ना तो कोई वार्ड पार्षद कर ही रहे है और ना ही सरकार के फैसले पर कुछ कह रहे है।