गायत्री जयंती, गंगा दशहरा व वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के महाप्रयाण दिवस समारोह संपन्न
- दो दिनों तक हुआ गायत्री महामंत्र जप व शाम को दीप महायज्ञ का आयोजन
- चेतना केंद्रों में गायत्री महायज्ञ का आयोजन कर दी गई पूर्णाहुति
गिरिडीह। गायत्री शक्तिपीठ सहित प्रखंडों के गायत्री चेतना केन्द्रों में आयोजित दो दिवसीय गायत्री जयंती, गंगा दशहरा एवं गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के महाप्रयाण दिवस समारोह शुक्रवार को संपन्न हो गया। सभी स्थानों में दिनभर गायत्री महामंत्र जप का कार्यक्रम हुआ एवं शाम को दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। वही आज जिले के सभी चेतना केंद्रों में गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर पूर्णाहुति दी।
गायत्री परिवार के जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि भारतीय आर्षग्रंथों के अनुसार आज के ही दिन ब्रह्मा जी ने इस संसार की रचना गायत्री की शक्ति से किया था। वेदमाता गायत्री की प्राण शक्ति से संसार में नभचर, जलचर तथा नाना प्रकार के जीवों की रचना हुई थी। इसीलिए वेदमाता गायत्री को विश्वमाता कहा जाता है। आज ही के दिन मानव मात्र को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसलिए गायत्री माता को वेदमाता कहा जाता है। उन्होंने कहा कि गायत्री महामंत्र की उपासना से प्राण शक्ति की वृद्धि होती है तथा व्यक्ति प्राणवान, ज्ञानवान, साहसी एवं पुरुषार्थी बनता है। इसलिए हर व्यक्ति रोज कम से कम 5 मिनट वेदमंत्र गायत्री का जप अवश्य ही करना चाहिए।

आज ही के दिन भागीरथ ऋषि के तपस्या से पतित पावनी मां गंगा का अवतरण इस धरातल पर हुआ था। आज ही के दिन वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने पूर्व घोषणा के अनुसार 2 जून 1990 को अपने स्थूल काया का परित्याग किया था।
कार्यक्रम को सफल बनाने में भागीरथ प्रसाद सिंह, नरेश प्रसाद यादव, काशी प्रसाद, दर्शन पंडित, तुलसी पंडित, प्रकाश मंडल, अनिरुद्ध राम, नारायण महतो, सहदेव प्रसाद कुशवाहा, पूनम बर्नवाल, पूनम गुप्ता, मीरा बरनवाल, पार्वती बरनवाल, कंचन सिन्हा, अर्चना देवी, वीणा गुप्ता, रोशनी देवी सहित गायत्री परिवार के दर्जनों लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ।