घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए सीडिपीओ को ही सुरक्षा पदाधिकारी बनना हैः रेशमा सिंह
गिरिडीह में एसोसिएशन फाॅर एडवोकेसी ने किया कार्यशाला का आयोजन
गिरिडीहः
घरेलू हिंसा पर मंगलवार को शहर के परिसदन भवन में गिरिडीह समाज कल्याण विभाग के साथ एसोसिएशन फाॅर एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेम्ब्रम समेत कई जिले के कई सीडिपीओ भी शामिल हुई। तो एसोसिएशन की राज्य समंवय रेशमा सिंह के अलावे बबली सिंह भी कार्यशाला में मौजूद थी। इस दौरान कार्यशाला में मौजूद सीडिपीओ के बीच राज्य समंवयक रेशमा सिंह ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई महत्पूर्ण जानकारी दी। राज्य समंवयक ने बताया कि पीड़िता से डीआईआर रिपोर्ट लेना है। और यह काम सीडिपीओ के अधीन आता है। डीआईआर आवेदन के आधार पर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है। यही नही सीडिपीओ घरेलू हिंसा की शिकार पीड़िताओं का इलाज कराएगी। और ससुराल से पीड़िता के बच्चों का कस्टडी लेने पर सीडिपीओ की भूमिका महत्पूर्ण किया गया है। सीडिपीओ को ही स्थानीय थाना के सहयोग से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को उनके बच्चों को दिलाने की जिम्मेवारी निभाती है। राज्य समंवयक ने यह भी कहा कि सखी केन्द्र में ऐसी महिलाओं को रखने की सारी व्यवस्था करना है। एक प्रकार से घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की सुरक्षा पदाधिकारी सीडिपीओ को ही बनना है। इधर कार्यशाला में संस्था के कई सदस्यों के साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, अधिवक्ता भी मौजूद थे।