गिरिडीह के देवरी में कोरोना से बचाने के लिए पिता ने बेटे को लगाया वैक्सीन, चंद दिनों बाद बेटे की हुई मौत
गिरिडीहः
कोरोना महामारी से 13 साल के बेटे को सुरक्षित करने के लिए पिता ने कोरोना का टीकाकरण कोरवैक्स तो लगा दिया। लेकिन चंद दिनों बाद बेटे के जान से हाथ भी धोना पड़ गया। जबकि मृतक आदित्य के पिता कैलाश वर्मा ने दावा करते हुए कहा कि वैक्सीन लगाने से पहले उनके बेटे आदित्य शारीरिक रुप से पूरी तरह से स्वस्थ था। वैक्सीन लगाने के साथ उसका हालत बिगड़ना शुरु हुआ। और रांची के मेडिका मंे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला गिरिडीह के देवरी के मंडरो गांव से जुड़ा बताया जा रहा है। 13 वर्षीय आदित्य कुमार वर्मा की मौत कोरोनारोधी वैक्सीन कोरवैक्स के दुष्प्रभाव से हुआ है या नहीं। यह तो फिलहाल स्पस्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस गंभीर मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डा. शिवप्रसाद मिश्रा से जानकारी ली गई। तो सिविल सर्जन ने दावा करते हुए घटना की जानकारी उन्हें भी है। लेकिन आदित्य की मौत का कारण वैक्सीन कोरवैक्स ही है। यह स्पस्ट नहीं कहा जा सकता है। लिहाजा, इतने दिनों में बच्चे का इलाज अब तक जहां-जहां कराया गया। वहां के रिपोर्ट मंगाए जा रहे है। बहरहाल, कोवैक्स टीका लगने के कारण 13 वर्षीय आदित्य की मौत हुई है या आदित्य को वैक्सीन लगाते वक्त वैक्सीन लगाने वाली स्वास्थ कर्मी ममता कुमारी से लापरवाही हुआ।या मामला कुछ और है, यह भी स्पस्ट नहीं हुआ है। लेकिन देवरी के मंडरो गांव के आदित्य की हुई मौत ने इलाके के परिजनों में चिंता बढ़ा दिया है। क्योंकि आदित्य वर्मा के पिता कैलाश वर्मा ने बीतें 26 मार्च को मंडरो के स्कूल में लगे टीकाकरण शिविर में बेटे आदित्य को महामारी से बचाव को लेकर कोवैक्स टीकाकरण दिलाया था। और उसी दिन स्कूल मंे कई और बच्चों को वैक्सीन लगने की बात कही जा रही है। उसी दिन स्कूल में जितने बच्चांे का टीकाकरण हुआ था। उन बच्चों को कोई परेशानी नहीं हुई।
लेकिन टीकाकरण के चंद घंटे बाद आदित्य वर्मा के पेट में दर्द होने के साथ दस्त होने लगा। हालत बिगड़ते देख पिता कैलाश वर्मा अपने बेटे आदित्य को लेकर आनन-फानन में शहर के एक नीजि नर्सिंग होम पहुंचे। नीजि नर्सिंग होम के चिकित्सक भी आदित्य की हालत देख रांची मेडिका के लिए रेफर कर दिया। जहां उसी दिन उसके पिता ने मेडिका में बेटे को भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान ही चिकित्सकों ने आदित्य के पिता कैलाश को बताया कि उनके बेटे का दोनों किडनी और लीवर पूरी तरह से खराब हो चुका है। इलाज के दौरान भी आदित्य के मुंह से झाग और खून निकल रहा था। जांच के क्रम में मेडिका में उसका इलाज लगातार जारी रहा। लेकिन जीवन की जंग जीते हुए आदित्य ने मेडिका में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।