जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण दुषित जल पीने को मजबूर है तिसरी के मुशहरिया गांव के लोग
- भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए नदी व तालाब पर निर्भर है ग्रामीण
- गांव में मौजूद एक चापाकल है खराब, नही पहुंची है नल जल योजना
रंजन कुमार
गिरिडीह। तिसरी प्रखंड के पलमरुवा पंचायत के अंतर्गत मुशहरिया गांव में पेयजलापूर्ति की कोई व्यवस्था नही होने के कारण ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भी नदी व तालाब के दुषित जल पर निर्भर रहना पड़ता है। गांव में एक कूप व चापाकल है। चापाकल महीनों से खराब है और कूप गर्मी के तपिश बढ़ते ही सुख गई है। सरकार के जनउपयोगी योजना जल नल का लाभ भी गाँव तक अभी तक नही पहुंची है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक कुंआ है लेकिन भगवान भरोसे पानी निकलता है। ज्यों ज्यों गर्मी के दिन करीब आता है वैसे ही कुंआ का पानी सुखने लगती है और चापाकल महीनो भर से खराब पड़ा हुआ है। इस समस्या से कई बार यहां के मुखिया, जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पानी लाने के लिए काफी दूर पगडंडी से होकर एक दूषित तालाब से छान कर लाना पड़ता है। लोगो को डर है कि पेयजल की समस्या पूर्ति हेतु नदी के पानी पीने से कई तरह के बीमारियां से ग्रसित हो सकते है। ग्रामीणों का कहना है इस पेयजल समस्या से निजात मिलने के लिए 15अप्रैल को लिखित आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया।
विदित हो कि झारखंड सरकार द्वारा करोड़ रुपए का जल नल योजना हर पंचायत के गांव गांव पहुंचना है। हर पंचायत के मुखिया और पंचायत सेवक को कार्य दिया गया है जहां जहां चापकल खराब है उसकी सूची बनाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को दे और जल्द से जल्द खराब चपाकाल को ठीक कराए। लेकिन स्थानीय मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों की समस्याओं से कोई लेने देना नही है। इससे साफ प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं पंचायत के जनप्रतिनिधि जनसमस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है।
इधर मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष प्रजापति ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नही थी। अब मेरे संज्ञान में मामला आ गया है। मुखिया और पीएचडी विभाग को सूचना देकर चापाकल को ठीक कराया जायेगा। बीडीओ ने कहा कि विगत महीने बैठक में हर पंचायत के मुखिया और पंचायत सेवक को आदेश दिया गया था कि जिस पंचायत में चापाकल खराब पड़ा है उसकी सूची बना कर दें। कहा कि अगर पंचायत के कोई भी गांव में चापाकल खराब पड़ा है और उसका सूची नही मिली तो मुखिया और पंचायत सेवक के उपर कार्यवाही की जायेगी।