बारिश के कारण पीडांटांड़ पंचायत में 22 साल पुराने पुल का एक हिस्सा धंसा
- बड़े वाहनों का परिचालन हुआ ठप
- ग्रामीण देते रहे सदर बीडीओ को जानकारी, मोबाइल बताता रहा व्यस्त
गिरिडीह। गिरिडीह में भी पिछले दो दिनों से रुक रुक कर हो रहे मुसलाधार बारिश मंगलवार की सुबह भले ही थम गई और धूप भी निकला। लेकिन रुक रुक हुए बारिश के कारण सदर प्रखंड के पीडांटांड़ में 22 साल पुराना पुल का दो पीलर धंसने से पुल का एक हिस्सा सोमवार की देर रात पूरी तरह से धंस गया। दूसरे दिन मंगलवार की सुबह जब जानकारी मिली, तो ग्रामीण भी पुल के हालत को देखने पहुंचे। देखा की एक हिस्सा पूरी तरह से ध्ंास चुका है।
इस दौरान ग्रामीणों ने घटना की जानकारी सदर बीडीओ दिलीप महतो को देने का प्रयास किया। लेकिन सदर बीडीओ का फोन लगातार व्यस्त बताता रहा। वैसे राहत की बात यह है की इस डेमेज पुल से आवागमन पूरी तरह बंद नहीं हुआ है और सिर्फ छोटे वाहनों के आवागामन चालू रखा गया। जबकि इसी पुल से हर सवारी वाहनों के साथ मालवाहक वाहनों का परिचालन किया जाता था। वहीं अब एक हिस्सा धंसने के बाद बड़े और सवारी वाहनों का आवागमन एहतियातन ठप कर दिया गया है। जबकि बाइक के परिचालन को सुविधा के अनुसार चालू रखा गया है।
जानकारी के अनुसार पुल का शिलान्यास एकीकृत बिहार में साल 1998 में भूतपूर्व सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा और पूर्व गांडेय विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार ने किया था। जबकि इस पुल का उद्घाटन झारखंड अलग होने के बाद पहले साल 2000 में हुआ था। 11 लाख की लागत से बना यह पुल शिकारदाहडीह, परसातांढ़, पीडांटांड़ और खावा पंचायत के दर्जन भर गांव को जोड़ता था। जबकि इस पुल से बेंगाबाद और जमुआ के दो प्रखंड के कई और पंचायत के गांव को जोड़ा गया था। लिहाजा, इस पुल का एक हिस्सा धंसने के बाद अब इलाके के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना तय है। क्योंकि हर बड़े वाहनों के परिचालन को ठप कर दिया गया है।