देश में लगातार बढ़ रहे कोविड के मामले पर कम्यूनिस्ट नेता ने जताई चिंता
कोरोना राहत पैकेज की घोषणा अविलम्ब करे केंद्र सरकार: संजय पासवान
कोडरमा। देश में लगातार बढ़ रहे कोविड के मामले पर चिंता जताते हुए मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल सदस्य संजय पासवान ने कहा कि भारत तथा कथित दूसरी लहर के चलते कोविड-19 संक्रमण की सुनामी का सामना कर रहा है। शुक्रवार को एक दिन में सबसे अधिक 1.32 लाख मामले दर्ज किये गये है।
कहा कि इस संबंध में लंबे समय से तर्क दिया जा रहा था कि भारत को वास्तव में उस तरह की कोविड मौत का सामना नहीं करना पड़ा जैसा कि यूरोपीय देशों सहित अमेरिका, मैक्सिको और ब्राजील को करना पड़ा है। यह एक खतरनाक और खुद को खुश करने वाली बात है, क्योंकि इस तर्क से वायरस से बीमार पड़ने वाले लोगों को होने वाले नुकसान को कम करके आंकने की बड़ी गलती की जा रही है। कम मृत्यु दर के मामले में खुशी जताने के चक्कर में अक्सर इस गंभीर वास्तविकता को नजरअंदाज कर दिया जाता है। दूसरी तरफ वैक्शिनेशन का भी काम चल रहा है, लेकिन महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पर्याप्त मात्रा में वैक्शिन उपल्ब्ध नहीं रहने के कारण दर्जनों वैक्शिनेशन सेंटर बंद हो गए हैं। केन्द्र सरकार को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
कहा कि महामारी के समय न केवल स्वास्थ्य सेवा के लिए बल्कि बीमारी से प्रभावित लोगों को आर्थिक समर्थन करने के साथ-साथ सामान्य आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता की जरूरत होती है। पिछले साल थोड़ी राहत दी गई थी। कुछ महीनों तक मुफ्त खाद्यान्न और महिलाओं के जनधन खाता में 500 रुपये तीन बार प्रति माह दिए गए थे। जो नाकाफी था, जिसके कारण हताश लोगों को सबसे दयनीय यातना से गुजरना पड़ा, सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना, भूखे या आधे पेट खाकर जिंदा रहना, शिक्षा का नुकसान, अन्य जरूरतों के लिए चिकित्सा सेवाओं की कमी आदि ने हालात और गंभीर बना दिया था। आज जब बढ़ती महामारी से स्थिति बिगड़ रही है, तो देश के लोगों को बचाने के लिए पिछली गलतियों को सुधारते हुए कार्रवाई करने की जरूरत है। अन्यथा महामारी के चलते आम लोगों की दुख तकलीफ अधिक बढ़ने से स्थिति और भयावह हो जाएगी। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।




