सहकारी प्रबंधन की विधानसभा समिति के सभापति विधायक सरयु राय पहुंचे गिरिडीह, अधिकारियों संग की बैठक
- ईडी के कारवाई पर उठाया सवाल, भेदभाव करने का लगाया आरोप
- रघुवर दास और स्वास्थ मंत्री के संबंध पर कसा तंज, कहा दोनों के बीच जारी है जुगलबंदी
गिरिडीह। सहकारी प्रबंधन की विधानसभा समिति के सभापति सह जमशेदपुर विधायक सरयु राय समिति के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को गिरिडीह पहुंचे और जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरयू राय ने कहा कि ईडी की कारवाई में अब भेदभाव दिख रहा है। क्योंकि ईडी ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल किया है। उसके अनुसार साहिबजंग पत्थर घोटाला हेमंत सरकार में कम और रघुवर सरकार के कार्यकाल में अधिक हुआ है। कहा की वर्ष 2015-16 से साहिबगंज में पत्थर का अवैध खनन हो रहा है। ईडी 2019-20 की जांच कर रही है, ऐसा क्यू, ऐसा ही कुछ शराब घोटाला में हुआ, 2015 और 2016 से लेकर 2019 में राज्य में सबसे अधिक शराब घोटाला हुआ। इसी मामले में ईडी ने दिल्ली के दो मंत्री को जेल में डाले हुए है और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से कोई पूछताछ तक नही की जा रही है जिससे स्पष्ट होता है कि ईडी करवाई में भेदभाव कर रही है। कहा कि अवैध पत्थर खनन और शराब घोटाले के मामले में ईडी को तो सबसे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से पूछताछ करनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में जमशेदपुर ही वो जिला है जहां हर किसी को इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए की जुगलबंदी देखने को मिल जाएगी। क्योंकि राज्य के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता कभी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ नही बोलते। वहीं रघुवर दास भी कभी सूबे के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ नही बोलते है, लेकिन कई काम ऐसे है जिसमें दोनांे की साझेदारी है। कहा कि एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के अलग-अलग होने से इंकार करते हुए सरयू राय ने कहा की दोनांे एक ही फार्मूले पर राजनीति कर रहे हैं। इसलिए वो दोनों में किसी को अलग अलग नहीं देखते। ऐसे में दोनो गठबंधन में उनके जाने का सवाल ऐसा ही नही उठता है।
इस दौरान बैठक के बाबत उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के जितने भी उपक्रम गिरिडीह में संचालित है सभी को बंद कर देना चाहिए। क्योंकि सरकारी प्रबंधन समिति की बैठक में किसी की कोई गतिविधि सामने नही आई है। राज्य सरकार के हर उपक्रम के अधिकारी सिर्फ झूठ का वेतन उठा रहे है और राज्य सरकार के राजकोष पर आर्थिक बोझ बढ़ा रहे है। कहा कि शराब बेचने वाली उपक्रम विबवरेज कॉरपोरेशन की हालात तो सबसे अधिक खराब है।