महिला सत्संग कीर्तन भवन में होली मिलन सह भजन संध्या का हुआ आयोजन
- समिति के लोगों ने जिला प्रधान को किया सम्मानित
- होली भारतीय संस्कृति का प्रतीक और अनेकता में एकता को दर्शाता है: शालिनी
कोडरमा। होली का त्योहार निकट आते ही पूरे अभ्रक नगरी में जगह-जगह होली मिलन समारोह एवं संध्या के बाद फगुआ गीत का शोर सुनाई देने लगी है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में, स्कूल कॉलेजों, सामाजिक और स्वयंसेवी संगठनों, राजनीतिक दलों, धार्मिक संगठनों के द्वारा होली मिलन समारोह की धूम मची है। झुमरी तिलैया में मंगलवार को रोटरी क्लब, इनरव्हील क्लब के अलावा माहुरी महिला मंडल, दुर्गा महिला मंडल ऑडी बांग्ला तथा महिला सत्संग कीर्तन भवन में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। वहीं संगीतमय भजनों के कार्यक्रम में महिलाएं झूमते नजर आई। जिला प्रधान शालिनी गुप्ता ने इस अवसर पर बुजुर्ग महिलाओं का पैर छूकर आशीर्वाद लिया एवं हम उम्र की महिलाओं को होली की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर महिला सत्संग समिति की ओर से जिला प्रधान को शॉल ओढ़ाकर और बुके देकर सम्मानित किया।
बतौर मुख्य अतिथि जिला प्रधान शालिनी गुप्ता ने कहा कि होली सच्चे अर्थों में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। यह अनेकता में एकता को दर्शाता है। हर त्यौहार का अपना रंग होता है। होली जैसा पर्व कोई नहीं। महिला सत्संग समिति के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वह जीवन भर उनका कृतज्ञ रहेगी और निरंतर सेवा कार्य में आगे समाज के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग महिलाएं समाज के लिए धरोहर होती हैं और उनके बताए मार्ग पर है चल कर समाज, राष्ट्र का उत्थान किया जा सकता है।
इस अवसर पर महिला समिति की विमला शर्मा ने रंग डाले ओ सांवरे, आज बिरज में होली रे रसिया जैसे भजन प्रस्तुत कर समा बांधा। उपस्थित महिलाएं इस अवसर पर नृत्य संगीत और होली धमाल पर भक्ति के प्रवाह में बहते नजर आए। महिला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 80 साल से महिला सत्संग भवन में गणगौर पर्व मनाया जाता है और यहां रखी जयपुर से मंगाई काठ के ईश्वर गौरा की प्रतिमा की पूजा अर्चना की जाती है। 29 मार्च से गणगौर पर्व की शुरुआत होगी। इसके पूर्व संध्या पर नवविवाहिता होलिका दहन का परिक्रमा करेंगे। पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं गणगौर करती है। कुंवारी कन्याएं अच्छे घर वर के लिए इस पूजा को करती हैं।
समारोह में सुमित्रा अग्रवाल, भगवती देवी पेडीवाल, प्रमिला सोमानी,द्रौपती देवी फतेसरिया, पूनम शर्मा, संतोष चैधरी, सीमा चैधरी, मधु केडिया, माला दारुका, मंजू संघई, कविता चैधरी, कुसुम चैधरी, चारुलता चैधरी, रेणु बगड़िया, बबीता केडिया, रेणु संघई सहित कई महिलाएं शामिल थी।