फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहे गिरिडीह ब्लड बैंक के टेक्नीशियन पर नगर थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज
गिरिडीहः
गिरिडीह ब्लड बैंक में कई सालों से फर्जी दस्तावेज पर प्रायोगिकी टेक्नीशियिन की नौकरी कर रहे रघुनंदन प्रसाद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपी टेक्नीशियन पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. उपेन्द्र प्रसाद ने धोखाधड़ी का आरोप लगाकर नगर थाना में केस दर्ज कराया है। अस्पताल उपाधीक्षक के आवेदन के आधार पर नगर थाना पुलिस ने थाना कांड संख्या 18/22 के तहत 467/468/471/ और धोखाधड़ी के सेक्शन 420 आईपीसी में केस दर्ज कर जांच मंे जुट गई है। केस दर्ज होने के बाद टेक्नीशियन की मुश्किल बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार थाना को दिए आवेदन में अस्पताल उपाधीक्षक दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य स्वास्थ सेवाओं के निदेशक प्रमुख के निर्देश पर तीन सदस्यी जांच टीम का गठन किया गया था। और तीन सदस्यी टीम ने जांच के दौरान पाया कि टेक्नीशियन रघुनंदन प्रसाद ने अपनी नियुक्ती पत्र 08-03-1991 में एकीकृत बिहार के खगड़िया के सिविल सर्जन डा. शशिभूषण प्रसाद का नाम मिटाकर अपने नाम का दुरुपयोग किया था। और एकीकृत बिहार में इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर लैब टेक्नीशियन की नौकरी हासिल किया। इतना ही नही एकीकृत बिहार में ही लैब टेक्नीशियन रघुनंदन प्रसाद ने तीन मेडिकल काॅलेजों के निदेशक प्रमुख से भी अपने नियुक्ती पत्र में सिविल सर्जन शशिभूषण प्रसाद का नाम हटाकर अपने नाम चढ़ाए थे। और प्रायोगिकी टेक्नीशियन की नौकरी ली। इसके बाद राज्य गठन के बाद से ही ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन की नौकरी करते रहे। तीन सदस्यी जांच टीम द्वारा जांच पूरा होने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक ने आरोपी टेक्नीशियन के खिलाफ नगर थाना में केस दर्ज कराया।