हाई कोर्ट के निर्देश पर शिक्षक बहाली के लिए गिरिडीह शिक्षा विभाग कांउसिलिंग प्रकिया को लेकर अभ्यर्थियों ने किया हंगामा
गिरिडीहः
हाई कोर्ट से खोरठा भाषा से जुड़े 13 जिलों में कांउसिलिंग के जरिए शिक्षक नियुक्ती का रास्ता साफ हुआ। तो शिक्षा विभाग ने चोर दरवाजे से गुरुवार को गिरिडीह में कांउसिलिंग कर नियुक्ती की प्रकिया को पूरा किया। लिहाजाए कांउसिलिंग में शामिल होने आएं अभ्यर्थियों ने न्यू समाहरणालय स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय में जमकर हंगामा किया। इस दौरान हजारीबाग की प्रतिभा कुमारी और गिरिडीह के रॉकी नवल शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थी कोई हेमंत सरकार से भीख मांगने नहीं पहुंचे थे। क्योंकि हाई कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद 13 जिलों में शिक्षक नियुक्ती को लेकर कांउसिलिंग कर प्रकिया को पूरा करने का निर्देश जारी किया था। लेकिन बुधवार की देर रात एनआईसी में लिस्ट अपलोड किया गयाए और वैसे अभ्यर्थियों को कॉल कर सूचना दिया गया जो सही तरीके से अर्हता नहीं रखते थे। और कांउसिलिंग के लिए बुलाया गया। जबकि कांउसिलिंग में करीब ढाई सौ अभ्यर्थी शामिल हुए थे। अभ्यर्थियांें का आरोप था कि मैरिट लिस्ट में नाम होने और एनआईसी के वेबसाईट में लिस्ट देर रात क्यों अपलोड किया गयाए और दुसरे दिन सुबह रिपोर्टिग का क्यों आनन.फाानन में निर्देश किया गया। कांउसिलिंग में शामिल होने आएं कई अभ्यर्थियों का इस दौरान जिला शिक्षा अधीक्षक से बहसबाजी भी हुईए और इसी से गुस्से में आ कर शिक्षा अधीक्षक ने कई अभ्यर्थियों का उनके कांउसिलिंग करने से मना कर दिया। इसी से गुस्से में आ कर अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। अभ्यर्थियों का आरोप था कि एक ही अभ्यर्थी खोरठा भाषा से जुड़े 13 जिलों में कांउसलिंग के लिए आवेदन किए थेए और एक ही दिन में शिक्षा विभाग ने 13 जिलों के लिए अचानक क्यों कांउसलिंग का लिस्ट एनआईसी में अपलोड कर दिया। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षक नियुक्ती के लिए हो रहे कांउसलिंग को राज्य स्तर पर किया जाता है। आखिर एक.एक अभ्यर्थी जो अलग.अलग जिलों के अप्लॉय किए है वो एक ही दिन अलग.अलग जिलों में होने वाले कांउसिलिंग में शामिल कैसे होगेंए बताते चले कि राज्य सरकार ने पूर्व में ही शिक्षक बहाली की प्रकिया को निकाला था। इसमें कुछ जिलों के लिए बहाली की प्रकिया को पूरा कर लिया गया था। लेकिन खोरठा भाषा से जुड़े 13 जिलों के बहाली की प्रकिया गलत होने के कारण हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका के आधार पर पुराने प्रकिया को रद्द करते हुए कांउसिलिंग के जरिए बहाली की प्रकिया को पूरा करने का निर्देश दिया था। इधर इस मामले में जब जिला शिक्षा अधीक्षक से जानकारी ली गईए तो वो अभ्यर्थियों के आरोप पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।