स्ंसाधनों के बजाय दृढ संकल्पों से आदर्श विद्यालय का होगा निर्माण: उपायुक्त
- बैठक के दौरान अधिकारियों को अपने क्षेत्र के एक एक विद्यालय को गोद लेने का दिया निर्देश
कोडरमा। यह हम पर निर्भर करता है कि जो संसाधन या सुविधा हमारे पास नहीं है, हम उसका रोना रोए या फिर जो संसाधन हमारे पास उपलब्ध है, हम उसी से कुछ बेहतर करें। उक्त बातें गुरुवार को उपायुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के अधिकारियों, मॉडल स्कूल के लिए चुने गए स्कूलों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। उपायुक्त आदित्य रंजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आहूत कर मॉडल स्कूल हेतु चयनित विद्यालयों में हो रहे कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रखंडो के पदाधिकारी अपने प्रखंड अंतर्गत चयनित विद्यालयों में से एक-एक विद्यालयों को गोद लें। और 5 सितम्बर तक अपने विद्यालयों में नो कॉस्ट अंतर्गत आने वाले सभी कार्यों को पूरा करें। 5 सितंबर के पश्चात जिले के उपायुक्त, उप विकास आयुक्त एवं अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा चयनित विद्यालयों को निरीक्षण किया जाएगा। ये सभी चयनित 18 विद्यालय कोई फंड या योजना से नहीं बल्कि हमारे और आपके दृढ़ संकल्प से ही आदर्श बन पायेंगे।
इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जयसवाल ने उपायुक्त से अनुरोध करते हुए कहा कि अगर कार्यकारी प्रधान जिला परिषद शालिनी गुप्ता एवं सचिव लोकेश मिश्रा द्वारा मॉडल स्कूल हेतु चयनित सभी विद्यालयों में पेयजल, हैंडवॉश यूनिट एवं शौचालय से सम्बंधित जो भी समस्याएं हैं, उसका निवारण 15वें वित्त आयोग फंड से कर दे तो सहूलियत होगी। जिसपर उपायुक्त ने सहमति जताया एवं कहा कि सभी चयनित विद्यालयों में सम्बंधित अधिकारी अपने खर्चे पर, पंचायत में उपलब्ध फंड, विद्यालय विकास समिति, जिला परिषद प्रधान कार्यकारी समिति के फण्ड का इस्तेमाल करते हुए एवं गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से सभी चयनित विद्यालयों का उन्नयन किया जाएगा।
बैठक में मुख्य रूप से अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जायसवाल, सभी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, डीपीएमयू टीम के सभी सदस्य एवं सभी चयनित विद्यालयों के प्रधानाचार्य शामिल हुए।