देश के जन-जन तक पहुंचाया गया कल्याणकारी योजनाओं का लाभ: अन्नपूर्णा
- विगत आठ वर्षों में विश्व में बढ़ा भारत का मान
कोडरमा। केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेमिसाल 8 साल पूरे करनेवाली सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण की अत्यंत सफल यात्रा की है और यह क्रम अनवरत जारी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं का सर्वस्पर्शी, समावेशी, पारदर्शी और भ्रष्टाचार रहित तरीके से क्रियान्वयन किया है। परिणाम यह है कि हर कल्याणकारी योजना सौ प्रतिशत सफल है, इनका लाभ सौ प्रतिशत लाभुकों तक सौ प्रतिशत पहुँच रहा है।
विगत 8 वर्षों में दुनिया भर में भारत का मान बढ़ा है। आज दुनिया भर में, द्विपक्षीय या वैश्विक मामलों में भारत की राय सबसे ज्यादा महत्व रखती है। यूक्रेन संकट के दौरान भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए एक साथ यूक्रेन और रूस का सकारात्मक रुख तथा शांति स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ व यूरोपीय देशों के द्वारा सार्वजनिक तौर पर भारत से अपेक्षाओं का जिक्र इसकी पुष्टि करता है। नेपाल हो या श्रीलंका, संकटकाल में भारत से ही मदद की उम्मीद करते हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना के समय भी भारत ने उपलब्धियों की शून्य से शिखर तक की यात्रा की। जिस देश में पीपीई किट और एन 95 मास्क का उत्पादन लगभग शून्य था, जिस देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरी दुनिया संदेह की दृष्टि से देखती थी, उस भारत ने अपने यशस्वी नेतृत्व की प्रेरणा से न सिर्फ कोरोना का डटकर मुकाबला कर अपने करोड़ों नागरिकों की जान बचायी। पीपीई किट और मास्क उत्पादन का रिकार्ड समय में रिकार्ड उत्पादन किया। रिकॉर्ड समय में प्रतिरक्षक टीके विकसीत किए बल्कि “वैक्सीन मैत्री” के तहत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर उनकी मदद की।
नरेंद्र मोदी ने आरंभ से ही “मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस” के सिद्धांत पर काम करते हुए लूँ को सुविधाएं दी और सामान्य जन का जीवन सरल बनायाद्य आम आदमी को एक न्यूनतम गरिमामय जीवन उपलब्ध हो इसके लिए देश के हर नागरिक को आवास, शौचालय, बिजली, स्वच्छ पेयजल, सड़क और शिक्षा की सुविधा दीद्य यह काम भी पूर्ववर्ती सरकारों की तरह किसी भी वर्ग को काटकर-छाँटकर-बांटकर नहीं किया गया बल्कि उन्होंने सबका साथ दृसबका विकास दृ सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर काम करते हुए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के जन-जन और कण-कण तक पहुंचाया।
देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल सुधार कर मैकाले की रटंत शिक्षा पद्धति के स्थान पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सूत्रपात कियाद्य अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्थानीय-क्षेत्रीय-भारतीय भाषाओं को प्रधानता दी जा रही है, प्राचीन समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश पाठ्यक्रम में किया गया है, साथ ही आधुनिक तकनीक की मदद से कौशल विकास कर विद्यार्थियों को वैश्विक और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है।