कोई भी पर्व हो साउंड एसोसिएशन पर सरकार की गिरती है गाज
- अखाड़े का समय सीमा में भी सरकार का आदेश आपत्तिजनक: राजेश सिन्हा
गिरिडीह। कोई भी पर्व त्योहार हो सरकार के आदेश पर साउंड ऐसोशिएशन के साथ प्रशासन का बैठक होना फिक्स है। सरकार को डीजे, लाउडस्पिकर, साउंड बॉक्स कौन सा है इसमे कंफ्यूजन है, मानक की जानकारी रखने की जरूरत सरकार को है। उक्त बाते माले नेता राजेश सिन्हा ने कही। उन्होंने कहा कि डीजे के व्यवसाय से जुड़े लोगों का भी परिवार है। कोरोना काल में ऐसे ही सबों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा पर्व त्योहार में भी बाजा और साउंड सिस्टम के उपयोग पर रोक लगाना सही नही है। इससे न सिर्फ लोगों की आस्था पर चोट पहुंचती है बल्कि डीजे व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
कहा कि माइक, बजा साउंड किसी भी पर्व की शोभा है। उसी प्रकार किसी भी रैली, नेता के आगमन पर भाषण, धार्मिक कार्य, शोक कार्य, प्रशासनिक कार्य हो सब जगह साउंड का ही जरूरत होती है, साउंड नहीं तो कार्यक्रम की शोभा गायब है।
कहा कि सरकार को चाहिए कि पूजा में पूजा का गाना बजे, न कि विसर्जन में लिंक से हटकर बाजा बजे इसका एक लेटर इसु करके संबंधित पूजा समिति से भी सहमति पत्र ले ले तो फूहड़पना भी खत्म होगा। साथ ही साथ सरकार अखाड़े के समय को लेकर भी सरकार और प्रशासन को विचार करने की जरूरत है।