सदर अस्पताल में डायलेसिस सेवा बंद होने से नाराज मरीजों ने किया सड़क जाम
- एसडीएम के द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद कर्मियों ने शुरू की डायलेसिस सेवा
- एजेंसी ने बील का भुगतान नही होने का दिया हवाला
- सीएस ने कहा बील की जांच होने के बाद ही होगा भुगतान
गिरिडीह। सदर अस्पताल में राज्य सरकार और प्राइवेट एजेंसी द्वारा संचालित डायलेसिस सेवा को बंद कर दिए जाने से नाराज मरीजों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया। इस दौरान मरीज परिजनों के साथ अस्पताल के मुख्य द्वार के पास बीच सड़क पर बैठते हुए सड़क को जाम कर दिया। इस क्रम में मरीजों को परेशान देख कई नेता भी मौके पर पहुंच गए। वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद सदर एसडीएम विषालदीप खलको, सीओ और नगर थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली।

इस दौरान जिले के दूर दराज इलाके से आए कुछ मरीजों ने कहा एक दो मरीजों की हालात काफी खराब है और जब वो डायलेसिस के लिए सदर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें डायलेसिस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी स्काई संजीवनी के टेक्नीशियन ने कहा की डायलेसिस नही होगा। इस दौरान टेक्नीशीयन ने मरीजों को कहा कि रांची से डायलेसिस की सेवा को बंद करने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद परेशान मरीज और उनके परिजन भड़क उठे और सड़क जाम करते हुए वहीं बैठ गए। हालांकि मौके पर एसडीएम, सीओ और नगर थाना पुलिस ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए डायलेसिस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी के टेक्नीशियन को जमकर फटकार लगाई और जेल भेजने की धमकी दी। तब जाकर टेक्नीशियन ने डायलेसिस करना शुरू किया।
इधर सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने बताया कि बकाया भुगतान नहीं होने का हवाला देकर ही एजेंसी ने सेवा कार्य को ठप कर दिया था। सिविल सर्जन का कहना था की न तो एजेंसी की ओर से कोई इंचार्ज भी यहां नही रहता है और बिल भी हमेशा गलत बनाकर देते है। बताया की मार्च से जुलाई माह तक का बिल पिछले अक्टूबर माह में दिया गया है। बिल की जांच पडताल करने के बाद ही भुगतान संभव हो पायेगा। एजेंसी को हर माह बिल देने के बाद भुगतान संभव है। क्योंकि कई बार एजेंसी ने फाल्स बिल दिया है और भुगतान लेने का प्रयास किया है। इस बार एजेंसी ने मार्च से जुलाई का 12 लाख का बिल थमा दिया।