आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं ने राष्ट्रव्यापी मांग दिवस मनाया
- कॉरपोरेट्स के हाथों आईसीडीएस को देने व निजीकरण का होगा विरोध: सीटू
कोडरमा। ऑल इंडिया आंगनबाड़ी फेडरेशन (आइफा) के आह्वान पर 26 हजार वेतन देने, सेवानिवृति के बाद 10 हजार पेंशन और ग्रेच्युटी देने, स्थाईकरण करने आदि मांगों को लेकर झारखंड राज्य आंगनवाड़ी सेविका सहायिका संघ (सीटू) के बैनर तले साहू धर्मशाला झुमरीतिलैया में राष्ट्रव्यापी मांग दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद ने की।
गोष्ठी का उदघाटन करते हुए आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 1975 से ही देश के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौती, बच्चों में कुपोषण का सामना करते हुए देश की सेवा कर रही हैं। लगभग 27 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए, जो समाज के हाशिए के वर्गों की महिलाएं ही नहीं बल्कि 8 करोड़ बच्चे और 2 करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए संविधान में गारंटीकृत हमारे अधिकारों पर अपनी आवाज उठाने का समय है। उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार ने 10 हज़ार मानदेय का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया है। जिसके खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन खड़ा करना होगा।
मुख्य अतिथि मज़दूर नेता और सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि आईसीडीएस योजना लंबे समय से धन की कमी से जूझ रही है, लेकिन दुर्भाग्य से केन्द्र सरकार ने तो ऐसे उपाय किए हैं जो आईसीडीएस को ही खत्म कर देगा और भारत के संविधान द्वारा गारंटीकृत बच्चों और आंगनवाड़ी कर्मियों के सभी बुनियादी अधिकारों से वंचित कर देगा। कॉरपोरेट्स के हाथों आईसीडीएस को देने व निजीकरण का सीटू विरोध करेगा।
गोष्ठी में उर्मिला देवी, मंजू मेहता, कुमारी अनामिका, बेबी कुमारी, संध्या बर्नवाल, रेणु देवी आदि ने सम्बोधित किया। इनके अलावा कार्यक्रम में रीना, कांति, आशा, देवंती, अनीता, ललीता, गुंजा, रंजु गुप्ता, सुनैना, पिंकी, उषा, मंजू, विद्या, संजू मेहता, मंदाकिनी, पूनम, संगीता, गीता सहित दर्जनों सेविका सहायिका मौजूद थी।