बरवाडीह में हुआ एक शाम मनौव्वर राना के नाम कार्यक्रम का आयोजन
- कवियों व शायरों ने अपनी कविताओं व शायरी के माध्यम से उनकी जिवनी पर डाला प्रकाश
गिरिडीह। बरवाडीह में संचालित गैलेक्सी क्लासेज में एक शानदार मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता हाजी अलीम उद्दीन गौहर ने की। जबकि मंच संचाल कलीम साजिद बुलबुल ने की। कार्यक्रम में हाजी अलीमुद्दीन गौहर, हाजी मसकुर मैकश, हाजी अब्दुल सलाम, हलीम असद, मास्टर मोहम्मद अख्तर अंसारी, मुबारक हुसैन काविश, कैसर ईमाम, रियाज अहमद, प्रदीप गुप्ता, कलीम साजिद ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी कविताओं व शायरी के माध्यम से मुनव्वर राणा की जीवनी पर प्रकाश डाला। वहीं इमाम केसर और मोहम्मद अख्तर अंसारी ने विस्तार पूर्वक स्व0 राणा की जिवनी पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रसिद्ध कवि मुनव्वर राणा की पैदाइश 26 नवंबर 1952 ई को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई थी। पिता का नाम सैयद अनवर अली और माता का नाम ऐसा खातून है। उन्हें 2014 ई० में साहित्य अकादमी अवार्ड मिला साथ ही उन्होंने अपने जीवन में 20 अवार्ड प्राप्त किए। उन्हें ड्रामा लिखने का बहुत शौक था सबसे पहले ड्रामा जय बांग्लादेश 1971 में लिखी। कहा कि मनौव्वर राना का इंतकाल उर्दू दुनिया की बहुत बड़ी क्षति है।