सीबीएसई पैटर्न में बदलने और कोटा तय किए जाने के बाद गिरिडीह में बेटियों के लिए उच्च शिक्षा पाना हुआ मुश्किल, गर्ल्स हाई स्कूल ने किया एडमिशन बंद
छात्राओं ने लगाई गुहार, शिक्षा विभाग ने भी खड़े किए अपने हाथ
गिरिडीहः
बेटी पढ़ाओ अभियान इन दिनों गिरिडीह में मजाक बन चुका है। क्योंकि झारखंड एकेडेमिक कांउसिल जैक से सरकारी स्कूलों को सीबीएसई में बदलाव के साथ शहर के सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल में बेटियों का नामांकन बंद हो चुका है। एक तरफ इसी सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल में सीबीएसई शिक्षा के लिए करोड़ो का भवन बनकर तैयार हो रहा है। तो दुसरी तरफ 120 छात्राओं के नामांकन के बाद अब स्कूल प्रबंधन ने नए एडमिशन लेना ही बंद कर दिया है। और वो भी एक-दो नहीं, बल्कि कई तर्क देकर एडमिशन बंद किया गया है। सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल एडमिशन के लिए जा रही है छात्राओं से जैक में 85 प्रतिशत परिणाम लाने वाली छात्राओं का एडमिशन होने की बात कह रहा है। स्कूल प्रबंधन का यह भी कहना है कि जितना कोटा सीबीएसई ने तय किया था। वो पूरा हो चुका है। अब नया एडमिशन संभव नहीं है। बुधवार को ही कई छात्राएं दीक्षा, पायल कुमारी समेत कई छात्राएं सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल तो पहुंची नामांकन के लिए, लेकिन उन्हें बगैर एडमिशन के ही लौटना पड़ा। इसके बाद छात्राओं ने सहयोग के लिए भाकपा माले नेता सह समाजिक कार्यकर्ता राजेश सिन्हा को बुलाया। इस दौरान छात्राओं का कहना था कि नई व्यवस्था ने जिले की छात्राओं की परेशानी को बढ़ा दिया है। क्योंकि जिन छात्राओं इसी स्कूल से जैक पैटर्न के माध्यम से 10वीं की पढ़ाई कर 11वीं में गई है। वो अब क्या करेगी, क्योंकि कम अंक वाले छात्राओं का एडमिशन करने के बजाय सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी प्लस टू हाई स्कूल गिरिडीह और महिला कॉलेज जाने का सुझाव दे रहे है। लेकिन दोनों के हालात ऐसे नहीं है कि छात्राएं वहां पढ़ाई कर सके। अब ऐसे में सरकार के इस नए व्यवस्था ने हजारों लड़कियों के उच्च शिक्षा पर ग्रहण लगा दिया है। इधर माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में हेमंत सरकार के नई शिक्षा व्यवस्था का असर हजारों छात्राओं पर पड़ा है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि जिन छात्राओं का एडमिशन नहीं हो पा रहा है वो कहां पढ़ेगी, इसके लिए सदर विधायक से माले नेता ने कोई नया पहल करने का मांग किया है।