मदरसे की संगे बुनियाद रखने को ले शान ए ओलिया कांफ्रेंस का हुआ आयोजन
- हर मुसलमान को मुहम्मद साहब के बताए मार्ग पर चलने की जरूरत: हाफिज जमीर रजा
गिरिडीह। मुझे मुस्तफा के दर से भला क्या नहीं मिला, मैं गुलामे मुस्तफा हूं, मेरे पास क्या नहीं है, जैसे शेरो-शायरी के बीच गुरुवार की रात मंझने पंचायत स्थित नावाडीह मदरसे में शान-ए-औलिया कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस महफिल में हजरत अल्हाज शाह, शरफूउद्दीन नैयर कादरी मुख्य रूप से उपस्थित थे। शायर आफताब रजा चाहत, मेहताब साहिर व अब्दुल रउफ मिरानी ने एक से बढ़कर एक नाजिया कलाम व शेरो-शायरी पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान पूरी महफिल में नारे-तकबीर, नारे रिसालत से गूंज उठा। वहीं हाफिज जमीर रजा व तस्लीम रजा मदनी नदीम ने भी महफिल में समां बांधकर लोगों की वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम में हाफिज जमीर रजा ने कहा कि हर मुसलमान को मुहम्मद साहब के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। बदलते परिवेश में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तालीम देनी चाहिए, ताकि समाज के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल सके। मो शरफूउद्दीन नैयर ने कहा कि कुरान शरीफ के बताए हुए रास्ते पर चलकर परिवार सकून की जिंदगी जी सकता है।
कांफ्रेंस को सफल बनाने में हुसैनी अंजुमन के सेक्रेटरी मुमताज आलम, मंसूर आलम, इफ्तेखार आलम, एहतेशाम उद्दीन, इंतकाम उद्दीन, मुस्लिम अंसारी, मोकिम, फ़ैयाज़, अली, हाशिम अंसारी, रौशन अली, तारिक एजाज समेत सैंकड़ो लोगो का योगदान रहा।