कोरोना के खौफ से तीर्थंकरों के निर्वाण भूमि सम्मेदशिखर मधुबन से एक साल तीर्थयात्री रहे दूर, वंदना और दर्शन के लिए आने लगे बाहरी यात्री
20 तीर्थकरों के वंदना के लिए यात्रियों से मधुबन के दर्जन भर कोठियों में लौटी बहार, तो डोली मजदूरों ने भी लिया राहत की सांस
गिरिडीहः
20 तीर्थंकरो के निर्वाण भूमि गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन की यात्रा के प्रति तीर्थयात्रियों में कोरोना के खौफ से दूर कर दिया था। तो एक साल बाद अब टीकाकरण अभियान के साथ मधुबन के धार्मिक स्थलों में भगवान पाश्र्वनाथ के वंदना और परिक्रमा के लिए यात्रियों का आना शुरु हो गया है। यह अलग बात है कि हर साल जनवरी माह में जिस अनुपात में यात्री दर्शन और वंदना के लिए पहुंचते है। वह तो फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। लेकिन कम ही सही, यात्रियों की मौजूदगी ने मधुबन के जैन समाज के दर्जन भर कोठियों की बहार बढ़ा दिया है। यही नही करीब एक साल से बेकार पड़े डोली मजदूरों को भी राहत मिली है। मधुबन के पारसनाथ पहाड़ के तलहटी में जिन मंदिर का निर्माण कार्य पिछले साल भर से बंद था। उनका निर्माण कार्य एक बार फिर शुरु हो चुका है। फिलहाल तलहटी सम्मेद शिखर समेत कई मंदिरो का निर्माण बुधवार को भी होता दिखा। मजदूर पत्थरों को तराश रहे थे। तो दुसरी तरफ बुधवार को ही वृद्ध और युवा तीर्थयात्रियों को डोली मजदूर वंदना के लिए पारसनाथ पहाड़ लाते और ले जाते नजर आएं। वैसे हालात समान्य होने में करीब चार माह का वक्त गुजर गया। क्योंकि अनलाॅक की प्रकिया शुरु हुई, तो यात्रियों के मधुबन प्रवेश के लिए कई नियम कोरोना को लेकर लागू थे।
लेकिन नियमों में ढील के कारण ही अब देश के मुंबई, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रर्देश, कोलकाता, दिल्ली जैसे बड़े राज्यों के तीर्थ यात्री 20 तीर्थंकरों में भगवान पाश्र्वनाथ, भगवान आदिनाथ, नेमीनाथ, बिमलनाथ, अभिनंदन नाथ, पुष्पदंत नाथ, चन्द्रप्रभु, सुपाश्र्वनाथ, संभवनाथ समेत अन्य तीर्थंकरो के दर्शन और वंदना के लिए हीे निर्वाण भूमि पहुंच रहे है। मधुबन की जैन श्वेताबंर सोसाईटी, तेरहपंथी कोठी मधुबन, 20 पंथी कोठी, कच्छी भवन, तलहटी तीर्थ, उत्तर प्रर्देश प्रकाश भवन, जैन भवन और निहारिका भवन फिलहाल तीर्थयात्रियों के कारण चहल-पहल है।
वैसे इन कोठियों के प्रबंधको को उम्मीद है कि हर साल होली में जिस प्रकार से मधुबन के भोमिया जी भवन में फूलों और अबीर की होली खेलने इन राज्यों के तीर्थयात्री आते है। संभवत, इस साल भी वह उमंग भोमिया जी भवन में नजर आएगी। क्योंकि भोमिया भवन में होलीका दहन के दिन की होली मधुबन के लिए बेहद खास रहती है। इधर तलहटी तीर्थक्षेत्र मंदिर प्रबंधन के संचालक दीपक मेवानी ने बताया कि अब हालात समान्य होने शुरु हो गए है।